DESK : आज सम्पूर्ण क्रान्ति दिवस के अवसर पर गॉधी मैदान के दक्षिण- पश्चिम छोर पर स्थित गोलम्बर में स्थापित महान क्रान्तिकारी, स्वतंत्रता सेनानी एवं सम्पूर्ण क्रांति के महानायक लोकनायक स्व० जयप्रकाश नारायण जी की प्रतिमा स्थल पर राजकीय समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने लोकनायक स्व० जयप्रकाश नारायण जी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें शत-शत नमन किया तथा उनके बताये आदर्शों को याद किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, उद्योग मंत्री श्री समीर कुमार महासेठ, सूचना प्रावैधिकी मंत्री श्री इसराईल मंसूरी, विधान पार्षद श्रीमती कुमुद वर्मा, पूर्व मंत्री श्री श्याम रजक, पूर्व मंत्री श्री विक्रम कुंवर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, जे०पी० सेनानीगण सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने लोकनायक स्व० जयप्रकाश नारायण जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धाजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने वहां उपस्थित जे०पी० सेनानियों से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम
पूछा । इस अवसर पर बिहार गीत का गायन किया गया तथा सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा भजन कीर्तन एवं आरती पूजन की गयी। कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज ही के दिन पटना के गांधी मैदान से संपूर्ण क्रांति का आगाज हुआ था। आज के दिन लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन करते हैं। लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी की भूमिका को सभी को याद करना चाहिए। खगड़िया – अगवानी – सुल्तानगंज के निर्माणाधीन पुल के स्ट्रक्चर गिरने से संबंधित सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्माणाधीन पुल का स्ट्रक्चर एकबार पहले और गिरा था उस समय भी हमने पूछा था कि ऐसा क्यों हुआ है। वर्ष 2012 में ही इस पुल के निर्माण करने का निर्णय किया गया था और वर्ष 2014 में इसकी शुरुआत हुई। कल ही जानकारी मिली है कि फिर से इसका स्ट्रक्चर गिरा है, तुरंत हमने विभाग के सभी अधिकारियों को कहा कि जाकर देखिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई कीजिए । पुल का निर्माण कार्य मजबूत तरीके से हो, इसको लेकर भी हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है।
ओडिशा में हुए रेल दुर्घटना से संबंधित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना दुखद है। हमने इस पर दुख व्यक्त किया है। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में जब हम रेल मंत्री थे उस समय रेल हादसा हुआ था। हमने घटनास्थल पर जाकर मृतकों को देखा तो काफी तकलीफ हुई थी तो हमने रेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन श्रद्धेय अटल जी ने उसे स्वीकार नहीं किया था। हमने उनसे आग्रह कर दोबारा इस्तीफा दिया, उसके बाद उन्होंने मेरा इस्तीफा स्वीकार किया था। डेढ़ साल के बाद जब पुनः मुझे रेल मंत्री बनाया गया तो मैंने प्रधानमंत्री जी से कहा था कि रेलवे सुरक्षा की दृष्टि से जो तय हुआ है उस पर काम किया जाए। उसके चलते रेलवे की स्थिति बेहतर हुई। ओडिशा में जो रेल हादसा हुआ है इसको ठीक से देखना चाहिए कि घटना का कारण क्या है । पहले रेलवे का बजट अलग से पेश होता था। लोकसभा और राज्यसभा में रेल बजट पर विस्तृत चर्चा होती थी। सांसदों की बात सुनी जाती थी और उनकी समस्याओं का निदान भी होता था। रेल बजट को इस सरकार ने खत्म कर दिया। रेल हादसा को लेकर पहले भी एक – दो मंत्रियों ने रिजाईन किया है। रेल मंत्रालय पुराना मंत्रालय है, लोगों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखना जरुरी है, लेकिन रेल बजट को हटाकर सब अपने तरीके से किया जा रहा है।
12 जून को पटना में विपक्षी एकता की बैठक होने से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक के लिए अधिकतर लोगों का समर्थन आ गया था। 12 तारीख होने वाले कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। हमने कांग्रेस पार्टी से कहा है कि आपलोग भी बैठक के लिए आगे की तिथि को लेकर बात कर लीजिए। सभी पार्टी के अध्यक्ष को आना है इसमें कोई दूसरा आएगा तो अच्छा नहीं लगेगा । आगे इसकी तिथि तय होगी और उसके बारे में आपलोगों को बता दिया जाएगा। खगड़िया – अगवानी – सुल्तानगंज के बीच बन रहे पुल के ऊपरी हिस्से के गिरने पर विपक्षी पार्टियों द्वारा सरकार पर लगाए जा रहे आरोप से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लोग कुछ भी बोलते रहते हैं, उनका काम सिर्फ बोलना है। जो हमारे साथ पहले उप मुख्यमंत्री थे, उनको पार्टी ने कोई जगह नहीं दिया है तो कुछ न कुछ तो बोलना ही है। आज के कार्यक्रम में उनलोगों को भी आना चाहिए था। वे लोग भी जे०पी० मूवमेंट से जुड़े हुए थे ।