डेस्क: प्राकृतिक संसाधनों का दोहन जैसे जल जमीन,जंगल और जन का सीधा प्रभाव कृषि पर पड़ता है ऐसे में वैज्ञानिक कम जल उपयोग करने वाले फसल पर शोध करने के लिए आगे आए।उक्त बातें सोमवार को बिहार कृषि विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में पर्यावरण संरक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बीएचयू के कुलपति डॉक्टर डीआर सिंह ने कहीं।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पर्यावरणविद सुनील कुमार चौधरी भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि इस बार विश्व पर्यावरण दिवस का थीम प्लास्टिक का प्रलय रखा गया है जबकि भारत में जीवन को बचाना और पर्यावरण को स्थायित्व प्रदान करना रखा गया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेदारी है इसको लेकर बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम भी संचालित करने की आवश्यकता है।
खासकर छात्र-छात्राओं को भी इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की जरूरत है । इसके पूर्व आगत अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ प्रदान कर टीवी जीके चेयरमैन डॉक्टर संजय कुमार द्वारा किया गया।विश्वविद्यालय के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम आज से 11 जून तक चलाया जाएगा इसके तहत छात्र-छात्राओं के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उन्हें भूकंप से बचाव पौधारोपण प्लास्टिक उन्मूलन के अलावा उनके लिए चित्रकला और स्लोगन प्रतियोगिताएं भी आयोजित होगी।कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं और शिक्षिकाओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया खासकर छात्राएं कोमल सिब्बल और रोशनी ने पर्यावरण संरक्षण पर अपने उद्बोधन के माध्यम से सबका दिल जीत लिया।