- नाबालिक को जंजीर से बांधा हुआ वीडियो हुआ वायरल
- बचपन बचाओ दल की टीम पुलिस के साथ पहुंच बच्चे को छुड़ाया, होटल संचालक गिरफ्तार
फुलवारी शरीफ,अजीत. आजकल शहरों में कम उम्र के बच्चों को नशे की लत इस कदर पड़ी है की इस लायक गांजा बीड़ी सिगरेट पेट्रोल और सुलेशन सूंघना आदि नशे को पाने के लिए किसी भी हद तक गुजर जाते हैं कम उम्र के बच्चे नशे के लिए चोरी चमारी करने से भी पीछे नहीं हट रहा है ऐसे ही एक नाबालिक बच्चे को नशे की लत छुड़ाने के लिए उसके मालिक ने जब उसे डराने और सबक सिखाने की राधे से जंजीर में बांध दिया जिसका खामियाजा उसे जेल की हवा खाना पड़ा. पटना के परसा बाजार थाना क्षेत्र में दरियापुर कुरथौल रोड स्थित एक होटल में काम करने वाला नाबालिक बच्चा को स्थानीय गलत संगत में पड़े हुए लड़कों के चलते नशे की बुरी लत लग गई.
नाबालिक बच्चे को स्मैक पीता हुआ देख होटल मालिक ने उसे जंजीर से बांधकर सबक सिखाना चाहा . वही जंजीर से बांधा हुआ देख किसी ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया . इस वायरल वीडियो की भनक बचपन बचाओ टीम को लग गई. बचपन बचाओ टीम के लोग परसा बाजार थाना पुलिस के साथ दरियापुर रोड में साईं होटल पहुंची गए, जहां से नाबालिग मासूम को छुड़ाया गया. इतना ही नहीं परसा बाजार थाना में होटल मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने पर उसकी गिरफ्तारी भी हो गई.
परसा बाजार थाना अध्यक्ष संजीव मउआर ने बताया कि एक वायरल वीडियो में छानबीन के क्रम में पता चला कि साईं होटल एक मिठाई दुकानदार 15 साल के बच्चे को जंजीर से बांध कर मजदूरी कराता था. लोगों ने इसका वीडियो बना कर वायरल कर दिया था . वीडियो वायरल होने के बाद बचपन बचाओ दल की टीम ने साईं होटल मिठाई दुकान पर पुलिस के साथ धावा बोल कर बच्चे को मुक्त करा लिया . इसके साथ परसा बाजार थाना में दुकानदार के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया. पुलिस ने दुकानदार को गिरफ्तार कर लिया है.
दरअसल, बचपन बचाओ दल के देव वल्लभ मिश्रा की टीम ने होटल मालिक अखिलेश के चंगुल से जिस नाबालिग लड़के धीरज कुमार को छुड़ाया है वह समस्तीपुर का रहने वाला है. पूछताछ के क्रम में दुकानदार ने बताया कि धीरज उसके यहां पांच हजार रूपया पगार पर काम करता है.दुकानदार का कहना है की धीरज को स्मैक की लत छुड़ाने के लिए एक दिन जंजीर से बांध दिया था ताकि उसकी नशे के लत छूट जाए . हालांकि परसा बाजार थाना पुलिस एवं बचपन बचाओ दल के टीम होटल मालिक के दलीलों को नहीं माना और उसके खिलाफ कार्रवाई की गई.