यूपीसीए के सचिव को प्रदेश क्रिकेट संघ के दो पूर्व सचिवों से है जान का खतरा, सचिव ने पुलिस से लगाई सुरक्षा की गुहार

कानपुर

कानपुर, भूपेंद्र सिंह। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएट्स के सचिव ने प्रदेश क्रिकेट संघ के दो पूर्व सचिवों से जान का खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है। पुलिस ने अपनी प्राथमिक जांच में उनके प्रार्थना पत्र को सही दर्शाते हुए उन्हें सुरक्षा देने का आश्वासन भी दे दिया है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएट्स के सचिव जीडी शर्मा ने आगरा पुलिस कमिश्नर के समक्ष यह आवेदन किया था कि प्रदेश क्रिकेट संघ में व्याप्त भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को उजागर करने की पहल वह कई सालों से कर रहे हैं। जिस पर प्रदेश क्रिकेट संघ के दो सचिव संजीव युद्धवीर सिंह व राजीव शुक्ला अपनी ताकत व पैसे का रसूख दिखाते हुए उन पर कई बार दबाव डाल चुके हैं कि वह उन कार्यों को करने से बाज आ जाएं।

लेकिन श्री शर्मा ने उनके खिलाफ तथ्यों को उजागर करने में कोई भी कोताही नहीं बरती और परत दर परत उनके किए गए कार्यों को उजागर करने का काम लगातार किया । जिसका खामियाजा उनकी जान पर बन आया है । उनके पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र की जांच जब उप निरीक्षक द्वारा की गई तो वाक्यात को सही पाया गया जिसमें कि आवेदक जी. डी. शर्मा उर्फ ज्ञानेन्द्र दत्त शर्मा द्वारा प्रेषित शिकायती प्रार्थना पत्र पर बताया गया कि आवेदक उपरोक्त को विपक्षीगण संजीव यदुवीर व राजीव शुक्ला से सच में जान का खतरा है।

आवेदक पूर्व मे उ0प्र0 क्रिकेट संघ कानपुर मे पदाधिकारी रह मे चुके है। उ०प्र० क्रिकेट संघ में किये गये गवन तथा तथ्यो से छेड़छाड़ को उजागर किया था। आवेदक उपरोक्त को विपक्षीगण सर्जीव यदुवीर सिंह व राजीव शुक्ला से खतरा है। आवेदक ज्ञानेन्द्र शर्मा उपरोक्त की सुरक्षा हेतु उच्चाधिकारीगणों को रिपोर्ट पूर्व में प्रेषित की जा चुकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि श्री शर्मा को शीघ्र ही आगरा पुलिस की ओर से विशेष सुरक्षा कवच प्रदान कर दिया जाएगा।

यूपीसीए के सूत्र यह भी बताते हैं की इनके षड्यंत्र के खिलाफ लिखने वाले पत्रकारों और भी कई अन्य लोगों के खिलाफ इस तरह की रणनीति तैयार करते हैं जिससे सभी पर दबाव बना रहे यूपी क्रिकेट एसोसिएट्स के सचिव जीडी शर्मा ने बताया कि कई वर्षों से यह लोग दबाव बनाए हुए हैं ।लेकिन षड्यंत्र को उजागर करने में जान माल का खतरा पैदा हो गया है कई बार बंद शब्दों में यह दर्शाया भी गया है। वही इस बारे में यूपीसीए के सीईओ अंकित चटर्जी ने बताया कि उन्हें या संघ के पास इस तरह की कोई भी जानकारी नहीं है ।