इस्लाम विरोधी नहीं है UCC, देश भर में जनजागरण अभियान जल्द: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

दिल्ली

सौहार्द, समरसता, भाईचारा, एकता, अखंडता के लिए MRM का मिशन

DESK : वन नेशन, वन पीपल, वन लॉ यानी कॉमन सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच देश भर में ज़ोरदार मुहिम चलाएगा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच। इसके लिए मंच के कार्यकर्ता देश भर में जन जागरण अभियान चलाएंगे। यह तय हुआ है कि देश भर में कार्यकर्ताओं का जत्था लाखों परिवार के बीच पहुंचेगा और सौहार्द, समरसता, भाईचारा, एकता, अखंडता की पुरजोर कोशिशें करते हुए समान नागरिक संहिता को शक्तिशाली और खुशहाल देश की जरूरत बताएगा।

मंच के अधिकारियों और कार्यकर्ताओं में पूर्ण सहमति देखी गई जब यह मुद्दा उठा कि इस साजिश को मुसलमानों को समझना चाहिए कि आखिर आजादी के 75 वर्षों बाद भी वे सर्वाधिक पिछड़े क्यों हैं जबकि 60 वर्षों तक तो तथाकथित सेकुलर दलों और तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सरकारें रहीं? जबकि स्थिति यह है है कि 25 करोड़ मुसलमानों में से 3 प्रतिशत भी आज की तारीख में ग्रेजुएट नहीं हैं। जब शिक्षा का यह आलम होगा तो बेरोजगार और अस्वस्थ समाज तो रहेगा ही। आज इन्हीं सब की खातिर सभी को एक माला में पिरोना समय की जरूरत है ताकि कोई पीछे न रह जाए।

मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि शनिवार को इसी क्रम में मंच की नई दिल्ली में मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई। बैठक में सर्वसम्मति से यह पारित हुआ कि समान नागरिक संहिता कहीं से भी इस्लाम और मुस्लिम विरोधी नहीं है। बैठक में संघ नेता इंद्रेश कुमार के अलावा मोहम्मद अफजाल, शाहिद अख्तर, गिरीश जुयाल, ताहिर अब्बास, एसके मुद्दीन, अबू बकर नकवी, विराग पाचपोर, इस्लाम अब्बास, माजिद तालिकोटी, रजा हुसैन रिजवी, इरफान अली, शालिनी अली, रेशमा हुसैन, शहनाज अफजाल, खुर्शीद रजाका, शिराज़ कुरैशी, फैज़ खान, बिलाल उर रहमान, फारूक खान, अल्तमश बिहारी समेत 400 से ऊपर कार्यकर्ता शामिल हुए।

यह अभियान कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, गुजरात से लेकर केरल तक, पश्चिम बंगाल से लेकर महाराष्ट्र तक चलेगा। मंच के अधिकारी एवं कार्यकर्ता देश भर में हजारों छोटे बड़े जनजागरण चलाएंगे। इस क्रम में मंच करोड़ों हिन्दुस्तानियों के बीच अपनी बातें रखेगा। मंच का मानना है कि यह कानून लोगों के दिलों से नफरत मिटाएगा और भाईचारा लाएगा। जबकि इसका विरोध धर्मों, जातियों, समुदायों में कटुता और हिंसा पैदा करना है। मंच का मानना है कि इन राष्ट्रवादी मुद्दों पर मुसलमानों को भड़काने वाले लोग मुसलमान और इस्लाम के दुश्मन हैं।

बैठक में यह भी मुद्दा जोरशोर से उठा के देश भर के अनगिनत धर्मों के बीच समान नागरिक संहिता से सिर्फ मुसलमान को ही खतरा कैसे हो सकता है? यह एक मिथ्या है जिसे तथाकथित सेक्युलर दलों ने मुस्लिम वोट बैंक की खातिर मुसलमानों को डराने और बहकाने के रूप में हमेशा इस्तेमाल किया। मंच का मानना है कि यह कानून किसी भी जाति, धर्म और समुदाय के विरुद्ध नहीं है बल्कि सब धर्मों का सम्मान और सुरक्षा करता है तथा सब में भाईचारे वाला काम करता है। बैठक में यह बात खुल कर सामने आई कि जो भी इस राष्ट्रवादी कानून का विरोध करते हैं वो दरअसल धर्मों के बीच भाईचारा और सौहार्द नहीं चाहते हैं।

सभी तथ्यों, विचारों, सुझावों के एनालिसिस में यह पाया गया कि जो लोग या दल समान नागरिक संहिता का विरोध करते हैं दरअसल उनकी साजिश है कि मुसलमान राजनीतिक रूप से हिंदुस्तानी न बनें और हिंदुस्तान के लोगों में समरसता न हो। बैठक में मंच के सभी राष्ट्रीय संयोजक, क्षेत्रीय संयोजक, प्रकोष्टों के संयोजक एवं सह संयोजकों के साथ साथ कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी तादाद ऑनलाइन भी बैठक में शामिल हुई। बैठक में अमृत काल अभ्यास वर्ग की बातों को आगे बढ़ाते हुए भरपूर मंथन हुआ जिसमें आगे की रूप रेखा तैयार की गई। इससे पहले भोपाल में हुए अभ्यास वर्ग में वन नेशन, वन पीपल, वन लॉ को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ था और यह तय किया गया था कि दिल्ली में होने वाली बैठक में इस पर गहन विचार मंथन के बाद देश भर के कार्यक्रमों को लेकर प्लान बनाया जायेगा।