बिहार राज्य रिक्शा मजदूर सभा के अध्यक्ष प्रभुराज नारायण राव तथा महासचिव शंकर कुमार निर्वाचित
अवधेश कुमार शर्मा, बेतिया। बिहार राज्य रिक्शा मजदूर सभा का वार्षिक आमसभा यूनियन के संस्थापक महासचिव कपिलदेव प्रसाद की 15 वीं पुण्यतिथि पर बेतिया में संपन्न हुआ।सर्वप्रथम यूनियन के अध्यक्ष प्रभुराज नारायण राव ने झंडोत्तोलन कर कार्यक्रम को प्रारंभ किया। उसके बाद कपिलदेव प्रसाद की संगमरमर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर गगनभेदी नारों के साथ कामरेड कपिलदेव प्रसाद अमर रहे के नारा से शहर को गुंजायमान किया। इस अवसर पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मजदूरों के लिए महाभोज का आयोजन यूनियन ने किया। जिसमें हजारों की संख्या में महाभोज में मजदूर शामिल हुए।
बिहार राज्य रिक्शा मजदूर सभा का वार्षिक आम सभा कामरेड प्रभुराज नारायण राव की अध्यक्षता में प्रारंभ हुई। अपने उदघाटन भाषण में कामरेड राव ने बताया कि 1967 में गठित रिक्शा मजदूर सभा बेतिया शहर के साथ-साथ अन्य जगहों पर भी अपनी पहचान अपने संघर्ष के बल पर बना चुका है। बिहार राज्य रिक्शा मजदूर सभा का भव्य कार्यालय तथा मजदूर विश्रामालय, रिक्शा लगाने के लिए पर्याप्त स्थान से संपन्न है। बिहार राज्य रिक्शा मजदूर सभा का यूनियन का कार्यालय हिंदुस्तान(भारत) में सबसे बड़ा कार्यालय है,जो सीटू से संबद्ध है। उन्होंने कहा कि रिक्शा मजदूर सभा बड़ी-बड़ी लड़ाइयां लड़ चुका है।
अपने संघर्ष के बल पर मजदूरों को बैंक से लोन दिला कर हजारों मजदूरों को रिक्शा का स्वामित्व दिलाया है । बेतिया नगर निगम में रिक्शा पर किसी प्रकार का कोई भी टैक्स नहीं लगता।इतना ही नहीं यह यूनियन संघर्ष करके साइकिल को टैक्स फ्री करा कर सभी प्रकार के मजदूरों को राहत दिलाया है।उन्होंने आगे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार घोर मजदूर विरोधी के रुप में सामने आई है। संविधान प्राप्त मजदूरों को मिले जनतांत्रिक अधिकारों को छीना जा रहा है । 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर 4 श्रम संहिता में बदल दिया गया है। मजदूरों पर नाना प्रकार के हमले हो रहे हैं। महंगाई की सबसे बड़ी मार असंगठित क्षेत्र के मजदूरों पर पड़ता है।
खाने के सारे सामानों पर जीएसटी लादकर मजदूरों पर भारी बोझ लाद दिया है। बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। मनरेगा में 33 प्रतिशत की भारी कटौती हुई है और जब मजदूर आवाज उठाते हैं, तो देश में सांप्रदायिकता के आधार पर नफरत की राजनीति की जा रही है। देश की जनता को हिंदू मुस्लिम , मंदिर मस्जिद के नशा में धकेला जा रहा है। असंगठित, संगठित क्षेत्र के मजदूरों के साथ-साथ किसानों, नौजवानों और छात्रों का एकजुट संघर्ष करने की आज आवश्यकता है। बिहार राज्य रिक्शा मजदूर सभा बेतिया हमेशा से एक राजनीतिक केंद्र के रूप में स्थापित है । जिला के अधिकांश संगठनों की संयुक्त बैठक मुख्य रूप से यहीं पर होती है। संघर्ष के पहचान के रूप में इसे जाना जाता है। वार्षिक आमसभा में शामिल सभी रिक्शा मजदूर प्रतिनिधियों को अपने बहुमूल्य विचार देकर महासचिव के प्रस्तुत प्रतिवेदन को संपुष्ट किया है। महासचिव शंकर कुमार राव ने प्रतिवेदन में लिखित बातों को विस्तार से रखा। जिसे बहस के बाद सर्व सम्मति से पारित किया गया । अंत में 15 सदस्यीय नई कमेटी का चुनाव किया गया।
जिसके अध्यक्ष प्रभुराज नारायण राव, उपाध्यक्ष म. सैदुल्लाह, अनवार अली, महासचिव शंकर कुमार राव, म. हनीफ, बीरेन्द्र राम संयुक्त सचिव तथा कोषाध्यक्ष झूना मियां निर्वाचित किए गए। वार्षिक आम सभा को एटक के नेता ओम प्रकाश क्रान्ति , किसान सभा के जिला सचिव हरेन्द्र प्रसाद, अध्यक्ष रामा यादव, संयुक्त सचिव म. वहीद, खेतिहर मजदूर यूनियन के जिला सचिव प्रभुनाथ गुप्ता, तांगा चालक कल्याण संघ के अध्यक्ष प्रकाश वर्मा, ई रिक्शा चालक संघ के महासचिव नीरज बरनवाल, डीवाईएफआई के जिला के वरिष्ठ नेता सुशील श्रीवास्तव, म. हनीफ, झुना मियां, आस महमद, राधेश्याम, छोटेलाल ने विचार व्यक्त किया।