स्टेट डेस्क/पटना : भारतीय महिला फेडरेशन की तरफ से मणिपुर हिंसा की जांच करने गयी टीम पर एफआइआर का बिहार महिला समाज ने पुरजोर विरोध किया है। NFIW की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा, राष्ट्रीय सचिव निशा सिद्धु और एडवोकेट दीक्षा पर मणिपुर दौरे के कारण एफआइआर दर्ज किया गया है।
बिहार महिला समाज की अध्यक्ष सुशीला सहाय और कार्यकारी अध्यक्ष निवेदिता झा ने कहा, सरकार की यह तानाशाही नहीं चलेगी। उन्होंने प्राथमिकी तुरंत वापस लेने की मांग की है और सरकार को आगाह किया है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो व्यापक आंदोलन होगा।
मालूम हो कि प्राथमिकी उस समय दर्ज की गयी , जब NFIW की नेत्रियां मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा के खिलाफ शांति बहाली की अपील करने और वहां के लोगों की हालत का जायज़ा लेने गई थीं। मणिपुर हमारे देश का हिस्सा है, वहां लंबे समय से हिंसा और तनाव का माहौल है। 55 दिनों तक मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए सरकार और प्रशासन ने कुछ नहीं किया।
जब उनकी नाकामियों पर सवाल उठ रहे हैं तो सवाल करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज किया जा रहा है। भारतीय महिला फेडरेशन की अन्य राज्यों की तरह मणिपुर में भी इकाई है। हमारी टीम अपने साथियों का हाल- चाल जानने और सरकार और प्रशासन से इस मामले की जानकारी लेने मणिपुर गई थी। सरकार हमें बताएं कि अपने साथियों की सलामती और मणिपुर के लोगों के हालात का जायज़ा लेना अपराध कैसे हो गया!
यह इस बात का संकेत है कि सरकार अपनी असफलताओं के उजागर होने से डर रही है। और जो लोग सरकार से सवाल कर रहे हैं उन्हें सलाखों के पीछे भेजना चाहती है। मणिपुर की जनता सरकार के मंसूबे को पूरा नहीं होने देगी। हम इस देश के नागरिक है और उनके बीच अमन और भाईचारा के लिए प्रयत्नशील है। ये जिम्मेदारी सरकार की बनती है कि अपने राज्य की जनता के बीच अमन कायम करे। ऐसी बर्बर हिंसा पर रोक लगाए। हम मांग करते हैं कि वहां के लोगों के मौलिक और संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाय। हम मांग करते हैं कि हमारे साथियों पर दर्ज एफआइआर को तुरंत वापस लिया जाय।
मणिपुर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाय। वहां के नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला बंद हो और राज्य में अमन चैन कायम हो।