भाजपा के बिहार विधानसभा मार्च के दौरान एक व्यक्ति की मौत दुर्भाग्यपूर्ण….
स्टेट डेस्क/पटना : भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि भाजपा बिहार को लगातार अस्थिर करने के प्रयास में है. जब से वह यहां की सत्ता से बेदखल हुई है, इस तरह का उसका प्रयास लगातार जारी है. पूरे राज्य में सांप्रदायिक उन्माद-उत्पात फैलाने की लगातार कोशिशों के बीच उसने आज के विधानसभा मार्च के दौरान वही काम करने का काम किया.
आज के भाजपा के विधानसभा मार्च में आम लोगों की भागीदारी नगण्य रही लेकिन पूरे पटना में उपद्रव मचाने की कोशिश उसके चंद कार्यकर्ताओं द्वारा की गई. अडाणी घोटाले से लेकर कॉरपोरेट लूट को संरक्षण देने वाली भाजपा किस मुंह से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की बात करती है. हर कोई जानता है कि भाजपा ऐसी पार्टी है जिसमें जितने बड़े भ्रष्टाचारी शामिल हों, पाक-साफ हो जाते हैं.
महाराष्ट्र के हालिया प्रकरण में पूरे देश ने देखा कि सत्ता के लिए किस स्तर तक वह गिर सकती है. जो भाजपा हर दिन संविधान की हत्या करती है, बिहार में वह लोकतंत्र की दुहाई दे रही है. इस देश के संविधान व लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा भाजपा से ही है.
यह भी कहा कि शिक्षकों के सवाल पर भाजपा को बोलने का कोई हक नहीं है. सुशील मोदी दर्जनों बार बोल चुके हैं कि यदि भगवान भी आज जाएं तो नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा नहीं मिल सकता. यह लड़ाई भाकपा-माले लड़ रही है. जब मुख्यमंत्री और 11 जुलाई को वित्त मंत्री ने भी शिक्षक संगठनों से वार्ता का आश्वासन दे दिया, तब भाजपा शिक्षकों की मांग पर मार्च करने का स्वांग नहीं तो और क्या कर रही?
देश में आज बेरोजगारी चरम पर है. प्रत्येक साल दो करोड़ रोजगार के वादे के नाम पर युवाओं को अग्निपथ योजना में धकेल दिया गया. बिहार भाजपाइयों की हर चाल को समझता है और उसके मंसूबे को असफल करता रहा है इसलिए वह बिहार को लगातार अस्थिर करने की कोशिश में है.
माले राज्य सचिव ने यह भी कहा कि पता चला है कि आज के मार्च के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई है. यह दुर्भाग्यूपर्ण है. प्रशासन का कहना है कि वह व्यक्ति अचेतावस्था में पाया गया और पीएमसीएच जाते-जाते मौत हो गई. वहीं, भाजपा के लोग इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं. यह भी निंदनीय है.