चंपारण : चरस तस्करी मामले में महिला अभियुक्त को मिली दस वर्षों की सश्रम कारावास सजा

पश्चिमी चंपारण

मोतिहारी/दिनेश कुमार। बारहवें अपर जिला एवम् सत्र न्यायाधीश नूर सुल्ताना ने चरस तस्करी मामले में दोषी पाते हुए नामजद महिला अभियुक्त को दस वर्षों का सश्रम कारावास व दो लाख रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाए। अर्थदंड नहीं देने पर एक माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

सजा रक्सौल कोईरिया टोला निवासी प्रीतम साह की पत्नी शांति देवी 62 वर्ष को हुई। मामले में एसएसबी के सब इंस्पेक्टर रूमपा गोराईन ने रक्सौल थाना कांड संख्या-132/2015 दर्ज कराते हुए शांति देवी को नामजद करते न्यायिक अभिरक्षा में भेजा था। जिसमें कहा था कि 30 जून 2015 के करीब 10बजे दिन में गुप्त सूचना के आधार पर रक्सौल अहिरवा टोला इंडो नेपाल बॉर्डर के पिलर संख्या 390/7 के समीप एक महिला को संदेह के आधार पर पकड़ा गया। जांच के दौरान उसके शरीर में बंधे छह पॉकेट में तीन किलो चरस बरामद हुआ।

एनडीपीएस वाद संख्या-27/2015 विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक डा. शंभूशरण सिंह ने छह गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने वाद विचारण के बाद एनडीपीएस एक्ट के विभिन्न धाराओं दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाए। सभी सजाएं साथ साथ चलेगी। अभियुक्त 31मई 2015 से ही काराधीन है। कारागार में बिताए अवधि का समायोजन सजा की अवधि में होगी।