79 दिनों बाद प्रधानमंत्री ने बहाए घड़ियाली आंसू, देश चाहता है न्याय : माले
*साम्प्रदायिक हिंसा, सामूहिक बलात्कार और हत्याएं भाजपा शासन का चरित्र
*मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस्तीफा दें
*मणिपुर में बलात्कार व हिंसा की शर्मनाक घटना के विरोध में माले का राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध!
स्टेट डेस्क/पटना : मणिपुर, विशेषकर वहां की महिलाओं के लिए, जो हिंसा का सबसे ज्यादा खामियाजा भुगत रही हैं, के न्याय की मांग पर शुक्रवार को भाकपा- माले और उससे जुड़े जनसंगठनों ने देश भर में आयोजित प्रतिरोध के तहत बिहार में भी सड़कों पर उतरकर अपना विरोध दर्ज किया. साथ ही, मणिपुर में साम्प्रदायिक हिंसा को रोक पाने में अक्षम वहां के मुख्यमंत्री व केंद्रीय गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग भी की.
राजधानी पटना में भाकपा – माले के साथ-साथ आइसा, AIPWA और आरवाइए ने संयुक्त रूप से बुद्ध स्मृति पार्क पर प्रतिरोध सभा का आयोजन किया. अरवल, मोतिहारी, नवादा,मसौढ़ी, जहानाबाद, दरभंगा, आरा, बक्सर आदि जिला केंद्रों पर भी प्रतिरोध सभाएं आयोजित की गईं.
राजधानी पटना में आयोजित प्रतिरोध सभा को मीना तिवारी, शशि यादव, रणविजय कुमार,अनिता सिन्हा, मानवाधिकार कार्यकर्ता सरफराज, शिवसागर शर्मा, विकास यादव,संतलाल, आसमा खान, पुनीत पाठक, रुनझुन आदि ने संबोधित किया. संचालन अभ्युदय ने किया.
मौके पर सरोज चौबे, राजाराम, प्रकाश कुमार, उमेश सिंह, समता राय, जितेंद्र कुमार, मुर्तजा अली, राजेंद्र पटेल, संजय यादव, अनुराधा देवी, विनय कुमार, कुमार दिव्यम, रामलखन चौधरी, अशरफी सदा, नीरज यादव, इरफान, प्रकाश, अभिनव, संजय, रिया, आदि उपस्थित थे.
नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि 4 मई के वीडियो ने पूरे देश को हिला दिया है. उपद्रवियों की भीड़ ने महिलाओं के कपड़े उतारकर उन्हें जिस प्रकार से नंगा घुमाया और उनका यौन उत्पीड़न किया, वह मानवता को शर्मसार कर रहा है. नफरती भीड़ ने ’बदले’ की कार्रवाई के तहत महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया. बलात्कार पीड़िताओं के परिवार के पुरुष सदस्यों की भीड़ ने हत्या कर दी.
यह सब मणिपुर में जारी था और हमारे देश के प्रधानमन्त्री चुपचाप तमाशा देखते रहे. मणिपुर साम्प्रदायिक हिंसा के 79 दिनों बाद उनकी जुबान खुली है. देश को न्याय चाहिए, प्रधानमन्त्री के घड़ियाली आंसू नहीं. जब पूरे दुनिया में थू- थू होने लगी तब मोदी जी महज राजनीतिक बयान दे रहे हैं.वहां भाजपा की सरकार है और भाजपा ही सत्ता का इस्तेमाल कर नफरत- साम्प्रदायिक हिंसा और बलात्कार को बढावा देने मे लगी है.
हमारी मांग है कि सभी अपराधियों की तुरंत पहचान कर उनकी गिरफ्तारी हो. ‘अज्ञात’ भीड़ के नाम पर उन्हें बचाने की कोशिश नहींचलेगी. साथ ही, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस्तीफा दें. हमारी यह भी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नारीवादियों और वकीलों की एक टीम तत्काल मणिपुर भेजी जाए. यह टीम मामले की संपूर्णता में जांच करे. पुलिस द्वारा की गई कार्रवाइयों पर भी गौर करे.