पूर्णिया:-30 जुलाई(राजेश कुमार झा) मोहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है.इमाम हुसैन की याद में जुलूस निकाला जाता है.बताते चलें कि जिले में पूरे हर्षोल्लास एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया गया मोहर्रम का पर्व.भव्य ताजिये के संग दुलदुल घोड़े के साथ जब जुलूस निकली तो उसे देखने के लिये लोगों की भीड़ लग गई.कहा जाता है कि जो लोग दुलदुल घोड़े का दर्शन करते है,उनकी सभी मुरादें पूरी होती है.
पूरे जिले में 480 से अधिक जुलूस निकाली गई.पूरे गाजे बाजे के साथ हजारों की भीड़ जब पूर्णिया सिटी के इमामबाड़े से निकली तो पूर्व मेयर कनीज रज़ा एवं शाहिद रज़ा के साथ कई गण्यमान्य लोगों की उपस्थिति ने जुलूस में चार चांद लगा दिया.एक से बढ़कर एक करतब देखने के लिये चौक-चौराहों पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो जाती थी.इस्लामिक धर्मावलंबियों ने बताया कि आज दशमी का दिन है.
आज से ही इस्लामिकों का महीना शुरू होता है.सिया मुसलमानों के लिये आज का दिन सबसे बड़ा गम का दिन कहा जाता है.बताते चलें कि 1400 वर्ष पूर्व पैगम्बर ए इस्लाम मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन इराक के शहर कर्बला में उस वक्त के हाकिम यजीद ने पैगम्बर मोहम्मद के छोटे नवासे इमाम हुसैन के परिवार सहित 72 लोगों को धोखे से शहादत कर दिया था.इसलिए इमाम हुसैन की याद में यह मोहर्रम मनाया जाता है.आज पूरे जिले में भव्य ताजिया साथ हाथों में तिरंगा लिए वन्देमातरम के साथ जब जुलूस निकाला तो पूरे प्रदेश के लिये नजीर बना पूर्णिया.