— साइबर क्राइम में टेलीग्राम मोबाइल ऐप्लिकेशन का हो रहा प्रयोग
— लोगों के बायोमेट्रिक डिटेल चोरी कर ठगी के कारनामें का नया खुलासा
Biharsharif/Avinash pandey: डिजिटल तकनीक को हथियार बनाकर सोशल साइट पर लूटपाट मचाने वाले साइबर फ्रॉड को नालंदा की पुलिस ने डिकोड करने के अपने प्रयास में बड़ी सफलता अर्जित की है। पिछले दो माह यानि जून व जुलाई में साइबर क्राइम से संबंधित दर्ज कुल 52 कांडों में अभी तक 38 साइबर फ्रॉड गिरफ्तार किये गए हैं।
इतना ही नहीं नालंदा की पुलिस ने लोगों के 21.85 लाख रुपए साइबर फ्रॉड के अकाउंट में डिपोजिट होने से बचा लिया। उक्त राशि को फ्रिज क्राइम दिया गया है। नालंदा के पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा की अगुवाई में साइबर क्राइम कंट्रोल को लेकर काम कर रही स्पेशल टीम ने साइबर अपराधियों के पास से 1.34 लाख रुपए की रिकवरी भी की।
साइबर क्राइम में टेलीग्राम मोबाइल ऐप्लिकेशन का हो रहा प्रयोग
साइबर अपराधी अब साइबर क्राइम के लिए टेलीग्राम मोबाइल एप्लीकेशन का प्रयोग कर रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट के अनुसार यह साइबर क्राइम का नया वर्जन है। जिसमें साइबर क्रिमिनल द्वारा work-from-home का झांसा देकर टेलीग्राम मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से विभिन्न वेबसाइट, यूट्यूब, वीडियो लाइक करने का साथ दिया जाता है।
प्रारंभ में विश्वास पैदा करने के लिए प्री- पेड टास्क करने के पैसे दिए जाते हैं। इसके बाद पोस्टपेड टास्क के लिए पैसे देने पड़ते हैं और उन पैसों की निकासी के लिए पुनः पैसे की मांग साइबर अपराधियों द्वारा की जाती है। जो साइबर फ्रॉड द्वारा कभी वापस ही नहीं किया जाता है।
कृषि एवं कल्याण विभाग भारत सरकार का साइबर अपराधियों ने बनाया है फर्जी वेबसाइट
नालंदा के पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन में यह बात सामने आई है कि साइबर फ्रॉड अब कृषि एवं कल्याण विभाग भारत सरकार का फर्जी वेबसाइट तैयार कर रखा है। जिसमें e-KYC का प्रावधान है।
इसके माध्यम से साइबर अपराधियों द्वारा e-KYC कराने वाले किसानों की बायोमेट्रिक पहचान की चोरी की जा रही है एवं उनका प्रयोग करके आधार से जुड़े खातों से पैसों की अवैध निकासी का मामला संज्ञान में आया है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि लोगों को अपने बायोमेट्रिक को यूआईडी के मोबाइल एप के द्वारा नियंत्रित रखना चाहिए। एसपी ने साइबर अपराध से खुद को बचाकर रखने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी है। एसपी ने बताया कि बिहार थाना एवं साइबर थाना के संयुक्त प्रयास से फेसबुक के द्वारा वायरल अश्लील वीडियो को 2 घंटे में हटाया गया एवं संबंधित अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई।
इसी तरह साइबर थाना एवं छबीलापुर थाना के संयुक्त प्रयास से बायोमेट्रिक डिटेल्स चोरी करने वाले एक साइबर फ्रॉड को ग्राम वासियों को जन वितरण प्रणाली का कार्ड बनाने के नाम पर बायोमेट्रिक लेने के क्रम में गिरफ्तार किया गया। साइबर थाना एवं सोह सराय थाना के संयुक्त प्रयास से ट्यूटर में धार्मिक भावना को आहत करने वाले पोस्ट के हैंडलर की पहचान कर तत्काल विधि सम्मत कार्रवाई की गई।
कहते हैं पुलिस अधीक्षक
साइबर अपराध पर नालंदा पुलिस पैनी नजर बनाए हुए हैं साइबर फ्रॉड से संबंधित किसी तरह का मामला पुलिस के संज्ञान में आता है, तो उसपर सख्त कारवाई की जाती है। इस मामले पर साइबर थाने की पुलिस बेहतर काम कर रही है। जिसका बेहतर परिणाम भी सामने आया है। नालंदा पुलिस गिरफ्तार सभी साइबर अपराधियों का डिटेल बना रही है।
अशोक मिश्रा, पुलिस अधीक्षक, नालंदा