पूर्णिया : जिला पदाधिकारी के दिशा निर्देश में स्वास्थ्य विभाग ने आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिये शुरू किया जागरूकता कार्यक्रम…पढ़ें एवं इसका अवश्य लाभ उठाएं

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पूर्णिया : जिला पदाधिकारी के दिशा निर्देश में स्वास्थ्य विभाग ने आमलोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के

पूर्णिया:-17 अगस्त(राजेश कुमार झा) : कालाजार से आक्रांत गांवों में सिंथेटिक पैराथाइराइड का छिड़काव शुरू:—-

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने रानीपतरा एपीएचसी से विधिवत रूप से किया उद्घाटन:—-

बायसी के कालाजार मुक्त घोषित होने के कारण छिड़काव नहीं होगा

शेष 13 प्रखंडों में चलेगा छिड़काव कार्यक्रम:— सिविल सर्जन

बालू मक्खी को जड़ से समाप्त करने को लेकर कराया जाता है छिड़काव: डॉ आरपी मंडल ज़िले से कालाजार जैसी बीमारी को पूर्ण रूप से मिटाने के लिए कीटनाशक सिन्थेटिक पैराथाइराइड के छिड़काव का अभियान शुरू हो गया है।

जिसका विधिवत उद्घाटन रानीपतरा स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, जिला वेक्टर बॉर्न पदाधिकारी डॉ राजेन्द्र प्रसाद मंडल और पूर्णिया पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरद कुमार के द्वारा संयुक्त रूप से फीता काट कर किया गया।

इस अवसर पर डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, बीएचएम विभव कुमार, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) से जुड़े अधिकारी रविनंदन सिंह, सोनिया मंडल और राम कृष्ण परमहंस, पिरामल स्वास्थ्य की ओर से डीपीओ चंदन कुमार सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

बायसी के कालाजार मुक्त घोषित होने के कारण छिड़काव नहीं होगा जबकि शेष 13 प्रखंडों में चलेगा छिड़काव कार्यक्रम: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) देश में सबसे व्यापक और बहुआयामी सार्वजनिक स्वास्थ्य गतिविधियों में से एक है। यह मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, डेंगू और जापानी एन्सेफलाइटिस जैसे- वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम और नियंत्रण से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर जड़ से मिटाने का प्रयास करता है।

जिले से कालाजार जैसी बीमारी को खत्म करने के उद्देश्य से इसका शुभारंभ किया गया है। छिड़काव को लेकर जिले के 13 प्रखंडों का चयन किया गया है। वहीं बायसी प्रखंड में विगत तीन वर्षों से एक भी कालाजार के रोगियों की पहचान नहीं हुई है। जिस कारण बायसी को कालाजार मुक्त घोषित कर दिया गया है।

बालू मक्खी को जड़ से समाप्त करने को लेकर कराया जाता है छिड़काव : डॉ आर पी मंडल

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ राजेन्द्र प्रसाद मंडल ने बताया कि बालू मक्खी के काटने से कालाजार बीमारी फैलती है। एसपी पाउडर के छिड़काव से ही बालू मक्खी के प्रभाव को पूर्ण रूप से खत्म किया जा सकता है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार छिड़काव किया जाता है। ताकि बालू मक्खी को जड़ से समाप्त किया जा सके। 

कालाजार के लक्षण मिलने के साथ ही नजदीकी सरकारी अस्पतालों में जांच करानी चाहिए। उसके बाद ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह के अनुसार इलाज कराएं। सरकारी अस्पतालों में जांच एवं इलाज की मुफ्त व समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। साथ ही इस बीमारी से बचने के जमीन पर नहीं सोएं। मच्छरदानी का प्रयोग नियमित रूप से करना चाहिए।

घरों में छिड़काव के दौरान इन बातों को विशेष रूप से रखें ख्याल:

छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें। घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।

छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री , बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें। ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिससे कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।