डेस्क। नरेंद्र मोदी के नरेटी पर चढ़ने जा रहे हैं हम, नरेंद्र मोदी का नरेटी पकड़ कर उसको हटाना है। इसबार उसका कहीं से भी वापसी नहीं होगा। यह तय है। एनडीए वाला मुंबई में बैठक कर रहा है तो क्या होगा वहां बहुत लोग का बैठक होता रहता है। ये लोग इस बार कहीं से भी वापस नहीं आएगा। यह बातें राजद के सुप्रीमों लालू यादव ने आज पटना एयरपोर्ट पर कही है।
दरअसल, विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की तीसरे चरण की बैठक मुंबई में होने वाली है। इस बैठक में शामिल होने को लेकर बिहार से सीएम नीतीश कुमार के साथ ही साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राजद सुप्रीमों लालू यादव को जाना है। इसको लेकर आज फिलहाल अपने छोटे बेटे के साथ दिल्ली रवाना हुए हैं, यहां रक्षाबंधन का पर्व मनाने के बाद लालू और तेजस्वी यादव 31 अगस्त और 1 सितम्बर की बैठक में शामिल होने मुंबई जाएंगे। लेकिन इसके पहले लालू ने अपने बयान के जरिए यह बता दिया है कि, इस बार भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए उन्होंने अपनी तैयारी कर रही है।
लालू यादव ने आज पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि- हम आज इस बार मुंबई नरेंद्र मोदी के नरेटी पर चढ़ने जा रहे हैं, मोदी का नरेटी पकड़ कर उसको कुर्सी से उतार देंगे उसके बाद ही कुछ करेंगे। ूइस बार उसका हार तय है, वो इस बार वापसी नहीं कर रहा है। इस बार हमलोग जीतेंगे और मोदी को कुर्सी से हटाएंगे। अब वो लोग भी मुंबई में बैठक कर रहा है उससे क्या होने वाला है, वहां तो बैठक होते रहता है, उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
मालूम हो कि, इससे पहले लालू प्रसाद ने कहा, ‘तीन-चार राज्यों के लिए एक संयोजक बनाया जाएगा जो स्थानीय नेताओं के साथ समन्वय बनाएगा और बातचीत करेगा। अब ऐसे में नीतीश कुमार को एहसास हो गया कि मुंबई की बैठक में जब कई संयोजक का नाम तय किया जाएगा तो उन्हें भी कई संयोजक में से एक संयोजक बनाया जाएगा। जिसका साफ मतलब है कि लालू प्रसाद ने कांग्रेस के साथ मिलकर अपने मास्टर स्ट्रोक बयान से नीतीश कुमार के राजनीति को एक किनारे लगा दिया और उनके प्रधानमंत्री बनने के सपने को सपना ही बना दिया।
इधर, नीतीश कुमार ने भी कहा है कि, ‘मुझे विपक्षी गठबंधन का संयोजक नहीं बनना है। संयोजक कोई और बनेगा। हमारी कोशिश सब को एक साथ लाने की है। मुंबई की बैठक से पहले लगातार इस बात की चर्चा हो रही थी कि इस बैठक में नीतीश कुमार को संयोजक बनाया जाएगा मगर लालू के बयान से स्पष्ट हो गया है कि नीतीश कुमार ने भले ही विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने में अग्रणी भूमिका निभाई थी मगर लालू ने नीतीश के बढ़ते कद को छोटा कर दिया है।