ग्राम पंचायत के अधिकारों में कटौती लोकतंत्र की बुनियादी अवधारणा के खिलाफ : माले

पटना

19 सूत्री मांगों को लेकर बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ का प्रतिनिधिमंडल माले नेताओं से मिला

स्टेट डेस्क/पटना : भाकपा – माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि केंद्र और यहां तक कि राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायत के अधिकारों में लगातार कटौती हो रही है. यह लोकतंत्र की बुनियादी अवधारणा के खिलाफ है. गांधी जी ने जिस ग्राम स्वराज की बात की थी, उसके केंद्र में पंचायत को प्रदत अधिकार ही हैं, लेकिन हाल फिलहाल में देखा जा रहा है कि पंचायत के अधिकारों में कटौती हो रही है. यह कहीं से उचित नहीं है.

19 सूत्री मांगों को लेकर बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के नेतृत्व में विगत दिनों आंदोलन भी चला है. आज उस आंदोलन के नेताओं ने माले राज्य सचिव कुणाल और पोलित ब्यूरो सदस्य अमर से मुलाकात की और अपना  19 सूत्री मांग पत्र सौंपा. प्रतिनिधि मंडल में मुखिया महासंघ के अध्यक्ष मिथिलेश कुमार राय, अरुण सिंह, अजीत कुमार और विनय भूषण कुमार शामिल थे.

मुखिया महासंघ ने मांग की है कि 73वें संविधान संशोधन के तहत ग्राम पंचायत को प्रदत सभी 29 अधिकार वापस किए जाएं, ग्राम सभा से पारित निर्णय के अनुपालन को सुनिश्चित किया जाए, ग्राम सभा द्वारा चयनित योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए, ग्राम सभा की कार्रवाई में अनावश्यक हस्तक्षेप न किया जाए, प्रतिनिधियों के वेतन भत्ता में बढ़ोतरी की जाए आदि.

इन प्रमुख मांगों के अलावा कई और ऐसी मांगे हैं जिनका माले समर्थन करती है. पार्टी सरकार से अपील करती है कि इन मांगों पर गम्भीरता पूर्वक विचार किया जाए!