पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को दोहरे हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा

पटना

Desk : 1995 के दोहरे हत्याकांड से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हत्या के दोनों ही मामलो में कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह पर 5-5 लाख जुर्माना भी लगाया है।

इस मामले में पहले छपरा की नीचली अदालत और फिर पटना हाईकोर्ट से बरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोनों अदालतों के फैसले को पिछले दिनों पलट दिया था और प्रभुनाथ सिंह को डबल मर्डर केस में दोषी करार दिया था और आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। फैसला सुनाने के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि कोर्ट के पास केवल दो ही विकल्प हैं.. उम्रकैद या मौत की सजा।

दरअसल, पूरा यह मामला साल 1995 का है। आरोप है कि पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह ने अपने कहे अनुसार वोट नहीं देने पर छपरा के मसरख इलाके के रहने वाले राजेंद्र राय (47) और दारोगा राय (18) की हत्या करवा दी। आरोप था कि इन लोगों ने प्रभुनाथ सिंह समर्थित प्रत्याशी को अपना मत नहीं दिया था। मामला निचली अदालत पहुंचा था, जहां 2008 में सबूतों अभाव में पूर्व सांसद को रिहाई मिल गई थी। इसके बाद साल 2012 में पटना हाईकोर्ट निचली अदालत के फैसले को सही माना था।

इस फैसले के खिलाफ राजेंद्र राय के भाई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 18 अगस्त को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने डबल मर्डर केस में प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह को आजीवन कारावास की सजा के साथ साथ दोनों ही मामलों में 5-5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। फैसला सुनाए जाने के वक्त प्रभुनाथ सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में मौजूद रहे। बता दें कि जनता दल विधायक अशोक सिंह की हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद फिलहाल प्रभुनाथ सिंह हजारीबाग जेल में बंद हैं।