Kanpur : श्री गरू तेग बहादर जी का 348वां पावन शहीदी पर्व मनाने के सन्दर्भ में हुई बैठक

कानपुर

डेस्क। सभा के चेयरमैन स० कुलदीप सिंह (पूर्व विधायक, MLC) की अस्वस्था के कारण आज की प्रेस कान्फ्रेंस सभा के प्रधान सिमरनजीत सिंह के अध्यक्षता में की जा रही है।आपको जानकर प्रसन्नता होगी श्री गुरू तेग बहादर साहिब का शहीदी पर्व साढ़े तीन सौ साला (Three & half century ) जो वर्ष 2025 में मनाया जाना है जिसकी तैयारियाँ प्रारम्भ हो चुकी है जिसकी अध्यक्षता महामहिम राष्ट्रपति द्वारा की जायेगी। उत्तर प्रदेश में गुरूपर्व की अध्यक्षता महामहिम राज्यपाल द्वारा की जायेगी ।

उन्हीं तैयारियों के परिपेक्ष में श्री गुरू तेग बहादर साहिब का पावन 348वां शहीदी पर्व इस वर्ष मोतीझील मैदान में बड़ी श्रद्धा एवं भक्ति भाव से दिनांक 15, 16 एवं 17 दिसम्बर 2023 को श्री गुरु सिंह सभा, कानपुर महानगर (रजि०) द्वारा मनाया जायेगा। उक्त गुरूपर्व मोतीझील मैदान में परम्परागत रूप से विगत 16 वर्षों से मनाया जा रहा है जिसको मनाने की शुरूआत तत्कालीन जिलाधिकारी श्री अनिल सागर व तत्कालीन DIG / SSP के द्वारा हरी झंडी दिखाकर विधि संगत तरीके से धार्मिक परम्परा का अनुसरण करते हुए श्री अकाल तख्त अमृतसर के जत्थेदार और पंज प्यारो की अगुवाई में प्रारम्भ की गई थी।

जो निरन्तर रूप से विगत 16 वर्षो से मोतीझील मैदान में आयोजित किया जा रहा है। श्री गुरू तेग बहादर साहिब सिक्ख धर्म के नौवें गुरु है जिनके समय में औरंगजेब ने भारत वर्ष को इस्लामिक देश बनाने का ठान लिया था और बलपूर्वक प्रजा पर एक पूजा पद्धति थोप दी थी जो उसके आदेश का पालन नहीं करता था, उसका सिर कलम करने का आदेश पारित कर दिया था। इस पूजा पद्धति का सामना करने के प्रति हिन्दू समाज सहम गया था। इस समस्या के प्रति ब्राहम्ण कृपा राम के नेतृत्व में 500 ब्राहम्णों का जत्था गुरू जी के समक्ष हिन्दू सनातन धर्म की रक्षा की गुहार करने आनन्दपुर पहुँचा ।

श्री गुरू तेग बहादर साहिब ने औरंगजेब को लल्कारा कि अभिव्यक्ति की आजादी एवं हिन्दू धार्मिक मान्यताओं पर चोट नहीं पहुचने दी जायेगी । इस पर औरंगजेब के आदेश से श्री गुरू तेग बहादर साहिब को 347 वर्ष पूर्व गुरूद्वारा चांदनी चौक, दिल्ली में कत्ल कर दिया गया जहाँ आज गुरुद्वारा सीसगंज है, जिनके फलस्वरूप गुरु जी ने साथ हजारों सिक्खों ने पवित्र मन्दिरों में बजते हुए शंखनाद एवं घंटे घड़ियाल और राम नाम की धुनि (जैकार) को बचा लिया ।

आज शहर के कुछ शरारती तत्व परम्परागत मनाये जा रहे श्री गुरू तेग बहादर साहिब की शहादत को अपनी गन्दी राजनीति का खेल खेलकर रोकना चाहते है जिसे न केवल भारत का सिक्ख समाज अपितु हिन्दू संत समाज तथा हिन्दू जाति एवं मुस्लिम जाति न केवल विरोध करेगी अपितु आर-पार की लड़ाई के लिए सड़कों पर भी उतरेगी। श्री गुरू तेग बहादर साहिब की शहादत के इस आयोजन में किसी भी कीमत पर व्यवधान (डिस्टर्ब ) नहीं डालने दिया जायेगा ।

तथाकथित संस्था ने पवित्र गायत्री मंत्र की आड़ में गुरु तेग बहादर साहिब के शहीदी पर्व में व्यवधान उत्पन्न करने के इरादे से उन्हीं तिथियों में मोतीझील पार्क पहले से बुक करा ली है। आपके सम्पत्ति विभाग के बाबूओं की मिली भगत से यह कृत्य किया जा रहा है जो समाज में शान्ति के माहौल में व्यवधान उत्पन्न करने की बड़ी साजिश एवं पहल हमारा आपसे निवेदन है कि इसकी जाँच करायी जाये एवं परम्परागत तरीके से गत 16 वर्षों से आयोजित इस शहीदी पर्व को दूसरे धार्मिक आयोजनों की आड़ में जिसकी शुरूआत पहली बार करने का इरादा किया गया हैं, उन्हें इन तिथियों में मोतीझील मैदान न दिया जाये।

चूँकि वह भी धार्मिक आयोजन है। इसलिए हम उन आयोजनों के हेड श्री आर०सी० गुप्ता एवं रजिन्दर लाल से उनके निवास पर मिले थे, जिन्होंने आश्वस्त किया था कि हम आपके आयोजन में व्यवधान (डिस्टर्ब ) नहीं करेंगे। चंद सदस्य जो उक्त कार्यक्रम को मोतीझील मैदान में करने को अडिग है। उन्हें समझा लिया जायेगा। चूँकि दोनों आयोजन धार्मिक है ।

उन आयोजकों ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि हम कई वर्षों से सेन्टर पार्क, शास्त्री नगर, में यह कार्यक्रम कर रहे है और इस वर्ष भी शास्त्री नगर सेन्टर पार्क हमने एक माह के लिए बुक की हुई है। कुछ सदस्यों की जिद के कारण हमने मोतीझील में यह कार्यक्रम आयोजित किया है जिसकी हमें कुछ रूचि नहीं है। बाद में उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि हमारे कुछ सदस्य अपनी शक्ति का परीक्षण करना चाहते है कि हमारी बुकिंग मोतीझील कैसे निरस्त कर सकती है।

इस प्रकरण का मेमोरेन्डम कल श्रीमान् नगर आयुक्त और श्रीमान् जिलाधिकारी कानपुर नगर को सौंपा जायेगा। परम्परागत आयोजन को निरस्त कर नये आयोजन को अनुमति देना किसी दशा में उचित नहीं होगा। खेद का विषय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी तथा उoप्रo के मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी जी परम्परागत तिथि पर अपने आवास में भी गुरू तेग बहादर साहिब का शहीदी पर्व एवं साहिबजादो की शहादत मनाया करते है और किसी न किसी सिक्ख आयोजन में जाकर गुरु साहिबान को नतमस्तक होते हैं।

श्रद्धा एवं सद्भावना के पुष्प अर्पित करते है। जिस जिला स्तरीय कार्यक्रम को चन्द शरारती तत्व उन्माद पैदा कर रूकवाने की फिराक में है । यद्यपि इन तिथियों में पूरे विश्व में गुरू तेग बहादर साहिब का शहीदी पर्व सभी गुरूद्वारों में मनाया जाना है। अतः इन तिथियों में परिवर्तन सम्भव नहीं है। अतः आपसे निवेदन है कि हमारी सभा द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम तिथियों पर मोतीझील ग्राउण्ड की बुकिंग स्वीकृत कर एवं किसी अन्य नये आयोजन की बुकिंग को निरस्त करने की कृपा करें।