हेमंत कुमार/पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला आरक्षण को लेकर नरेंद्र मोदी की सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है। नीतीश ने दो दिनों के भीतर लगातार दूसरी बार महिला आरक्षण पर अपनी बात कही। उन्होंने बुधवार कोसचिवालय स्थित सभाकक्ष में पत्रकारों से बातचीत में कहा, हम तो शुरू से ही महिला आरक्षण के पक्षधर रहे हैं। संसद में मेरा दिया गया भाषण देख लीजिए। संसद और विधानसभा सब जगह महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन दिक्कत है कि ये लोग तो लागू करेंगे नहीं!
यह तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था। हर 10 साल पर जनगणना होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। यह हमेशा समय पर होना चाहिए। हमने कहा कि इसमें जाति आधारित गणना भी होनी चाहिए। हमारी मांग है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण मिलना चाहिए।
महिलाओं को सबसे पहले 50 प्रतिशत आरक्षण हमने दिया
महिलाओं को सबसे पहले 50 प्रतिशत का आरक्षण हमने ही दिया। वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं में और वर्ष 2007 में नगर निकायों में हमने महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। हमने बड़ी संख्या में बहाली भी शुरू की। प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण हमने दिया।
बाद में सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत सीट आरक्षित कर दी गई। पुलिस में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया । आज बिहार में पुलिस में जितनी भागीदारी महिलाओं की है उतनी देश में कहीं नहीं है। स्वयं सहायता समूह में बड़ी संख्या में महिलाएं जीविका दीदियों के माध्यम से शामिल हुईं। महिलाओं के लिए बिहार में काफी काम किए गए हैं। हमारी मांग है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री बुधवार को मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय पहुंचे थे। इस मौके पर पत्रकारों ने उनसे पूछा कि महिला आरक्षण का श्रेय कांग्रेस ले रही है! (हालांकि सवाल तो यह पूछा जाना चाहिए था कि महिला आरक्षण का श्रेय भाजपा ले रही है!) बहरहाल, मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवाल को अनसुना करते हुए महिला आरक्षण पर अपनी प्रतिबद्धता दुहरा दी।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिवालय पहुंचने का कारण भी बताया । कहा कि वर्ष 2008 से वर्ष 2012-13 तक हम मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में 9:30 बजे आया करते थे, अभी अपने आवासीय कार्यालय से ही कार्य का निष्पादन करते हैं। हमें जानकारी मिली है कि सचिवालय में लोग अपने कार्यालय देर से आ रहे हैं तो हम इसका निरीक्षण करने आये हैं।
अब हम सप्ताह में तीन दिन मुख्य सचिवालय स्थित कार्यालय और दो दिन मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित कार्यालय आएंगे और निरीक्षण करेंगे, उसके बाद अपने आवासीय कार्यालय में बैठेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ मौजूद थे।