हेमंत कुमार/पटना : आरएसएस के विचारक और भाजपा की पूर्ववर्ती पार्टी जनसंघ के बड़े नेता रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जंयती समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शामिल होने को लेकर बवाल काट रही मीडिया की बोलती तब बंद हो गयी जब उस कार्यक्रम में बीजेपी का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा! हां! पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी तब पहुंचे, जब नीतीश कुमार कार्यक्रम स्थल से निकल चुके थे।
मालूम हो कि दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर आयोजित जिस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पहुंचे थे,वह भाजपा का नहीं बल्कि राजकीय समारोह था। यानि सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम था जिसमें मुख्यमंत्री का जाना तय था। लेकिन बडे़ अखबारों के डिजीटल प्लेटफॉर्म से छोटे न्यूज पोर्टलों ने इसे इस रूप में प्रचारित किया कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन छोड़कर एनडीए की ओर जाने की तैयारी कर रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या मीडिया यह सब अनायास कर रहा है? ऐसा बिल्कुल नहीं है! यह सबकुछ जानबूझकर किया गया लगता है जो भाजपा के एजेंडे से भी मेल खाता नजर आता है।
लेकिन मीडिया का दांव उस समय उल्टा पड़ गया जब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक साथ दीनदयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में पहुंचे। लेकिन भाजपा का कोई नेता तब तक वहां नहीं पहुंचा जब तक नीतीश वहां रूके रहे। नीतीश के निकल जाने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पहुंचे, लेकिन मीडियाकर्मियों ने उनसे यह नहीं पूछा कि आप नीतीश कुमार के निकल जाने के बाद क्यों आये हैं!
लेकिन मीडियाकर्मियों ने सवाल नीतीश कुमार से पूछ लिया! उनसे पूछा गया कि सुशील कुमार मोदी आपके निकलने के बाद कार्यक्रम में क्यों आये? इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि समय पर आने में क्या ऐतराज था, जिसको जो मन में है करे, मुझे इससे क्या लेना-देना है!
पत्रकारों ने नीतीश से एक-एक कर कई सवाल पूछे। नीतीश ने उनका जवाब दिया। उनसे पूछा गया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जंयती समारोह में आप शामिल हुए हैं, लेकिन उनकी ही पार्टी ( भाजपा) के लोग शामिल नहीं हुए हैं! पत्रकारों के इस प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो पहले साथ थे , लेकिन आज इस कार्यक्रम में नहीं आये तो वे जानें। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को लेकर जो चीज पहले से सरकार की ओर से तय की हुई है, उसमें सबलोग आते हैं। हम तो सबकी इज्जत करते हैं, सबका सम्मान करते हैं। हम सबलोगों के लिए काम कर रहे हैं। आगे भी हमलोग विकास का काम यूं ही करते रहेंगे। हम बार-बार कहते हैं कि हम पत्रकारों के पक्षधर हैं।
मुख्यमंत्री से पत्रकारों ने पूछा, आपका झुकाव एनडीए की तरफ होता बताया जा रहा है,इसको लेकर आप क्या कहेंगे? मुख्यमंत्री का जवाब था कि इस तरह की फालतू बातें क्यों करते हैं! हम तो विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में लगे हुए हैं। पत्रकारों ने एक और सवाल दाग दिया! पूछा कि आपकी पार्टी के नेता और बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने आपको पीएम मैटेरियल बताया है?
इस प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। मैं सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में लगा हुआ हूं। ‘इंडिया’ गठबंधन की अगली बैठक कब होगी और आगे की रणनीति क्या होगी, इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कमिटियां बन गई हैं, मीटिंग हो रही है। हम इस काम में उनलोगों को सुझाव दे रहे हैं, सभी लोग लगे हुए हैं। आगे सबकुछ तय कर लिया जाएगा।
पत्रकारों ने आज की कैबिनेट की बैठक को लेकर भी सवाल पूछ लिया! इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट की बैठक कल होनी थी लेकिन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी को बाहर जाना है इसलिए आज ही कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है और कोई विशेष बात नहीं है! जाति आधारित गणना की रिपोर्ट कब सार्वजनिक की जाएगी, इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि वो काम लगभग पूरा कर लिया गया है, रिपोर्ट तैयार होते ही पब्लिश कर दिया जाएगा।
इससे पहले नीतीश कुमार ने राजेन्द्र नगर, रोड नम्बर-3 स्थित पार्क में आयोजित राजकीय समारोह में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविंद कुमार सिंह, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य शिवशंकर निषाद सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपनी श्रद्धांजलि दी। सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती पूजन, भजन-कीर्तन एवं बिहार गीत का गायन किया गया।