पटना : मणिपुर में शांति बहाली के लिए पूरे देश को मजबूती से उठ खड़ा होना होगा : दीपंकर

पटना

मणिपुर का हाल: 150 दिन बाद’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उदयनारायण चौधरी, नीरज कुमार ने मोदी सरकार को घेरा!…

स्टेट डेस्क/पटना : भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि 150 दिन बाद भी मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है। स्थिति लगातार गंभीर ही होती जा रही है। वहां की हिंसा सत्ता प्रायोजित है और वहां की सत्ताधारी पार्टी इसके जरिए समाज में जहर घोल रही है। आज पूरे देश को मणिपुर में शांति बहाली के लिए मजबूती से उठ खड़ा होना होगा। आजाद हिंदुस्तान ने ऐसी हिंसा शायद कभी नहीं देखी। जो आज मणिपुर में हो रहा है, कल पूरे देश में हो सकता है। विविधता हमारी पूंजी है लेकिन वहां की सरकार ने उसे ही हिंसा व सत्ता में पहुंचने का जरिया बना लिया है।
दीपंकर मंगलवार को जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान में आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे।
जिसका विषय था , मणिपुर का हाल: 150 दिन बाद! इस मौके पर मणिपुर हिंसा से संबंधित रिपोर्ट का लोकार्पण भी हुआ।

मणिपुर में जारी हिंसा, जिसमें अब तक 175 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, हजारों परिवार बेघर हुआ है और 60 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। इससे संबंधित एक रिपोर्ट का लोकार्पण आज जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना में किया गया।
इस लोकार्पण समारोह में मुख्य रूप से भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य, जनता दल यूनाइटेड के प्रमुख प्रवक्ता नीरज कुमार, बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदयनारायण चौधरी, सामाजिक कार्यकर्ता सत्यनारायण मदन, जांच रिपोर्ट के सदस्य व आइलाज के महासचिव क्लिफटन डी रोजारियो, जे.एन.यू. छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष सुचेता डे और प्रतिमा इंग्हपी ने अपने वक्तव्य रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रकाश लुईस ने की। संस्थान के निदेशक नरेन्द्र पाठक ने सभी वक्ताओं का स्वागत किया और संचालन एआइपीफ के कमलेश शर्मा ने किया। कार्यक्रम में शहर के दर्जनों बुद्धिजीवी व ऐक्टिविस्ट उपस्थित थे।
यह रिपोर्ट मणिपुर के गंभीर हालात को जनता के सामने पेश करने का एक प्रयास है। जांच टीम का मानना है कि वहां सबसे पहले शांति व सामान्य स्थिति बनाई जाए। इसमें पहला कदम हिंसा के लिए वहां की सरकार को जवाबदेह ठहराना होगा। इस जवाबदेही की शुरूआत वहां के मुख्यमंत्री के इस्तीफे से होनी चाहिए जिन्होंने हिंसा को संरक्षित किया है। वहां की सरकार ने ध्रुवीकरण को बढ़ाकर अभूतपूर्व हिंसा व अलगाव का बढ़ावा दिया है। इतना सब कुछ होने के बाद इस सरकार को सत्ता में रहने की कोई वैधता नहीं बचती है।

एमएलसी और जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी कहते हैं कि विपक्ष हिन्दुओं को बांटकर देश बांटने की साजिश कर रहा है, लेकिन मणिपुर में उन्होंने क्या किया। वह राज्य प्रायोजित हिंसा है। मीडिया में कोई बात नहीं हो रही है। बिहार की सरकार ने जातीय गणना करवाकर केन्द्र सरकार के ताबूत में कील ठोक दिया है।

बिहार विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि मणिपुर एक झलक है, उनका निशाना पूरा देश है। देश गृहयुद्ध की ओर बढ़ रहा है। आज पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है। सेना की बहाली में आरएसएस के लोगों को शामिल किया जा रहा है। इन देशी अंग्रेजों से हर हाल में मुक्त होना होगा।