मीडिया की आजादी पर हमले के खिलाफ माले का राष्ट्रव्यापी विरोध शुरू

बक्सर

न्यूजक्लिक व चौगाई की बेटी भाषा सिंह समेत जनपक्षधर पत्रकारों के यहां छापे. गिरफ्तारी के खिलाफ डुमरांव में निकला प्रतिवाद जुलूस

बक्सर/ बीपी:डुमरांव में भाकपा-माले ने देशव्यापी साप्ताहिक विरोध अभियान के तहत प्रेस मीडिया की आजादी पर हमले के खिलाफ जुलूस निकाला और प्रतिवाद सभा की। जुलूस का नेतृत्व बक्सर के माले जिला सचिव कामरेड नवीन कुमार, अभाकिमहासभा के जिला के सम्मानित अध्यक्ष अलख नारायण चौधरी, खेग्रामस के जिला अध्यक्ष कन्हैया पासवान, नगर सचिव सुकर राम, माले नेता वीरेंद्र सिंह एवं नीरज सिंह ने किया।

जुलूस डुमरांव के बाजार, शहीद पार्क से होते हुए नया . थाना के पास पहुंचा वहां सभा में तब्दील हो गया।
सभा को संबोधित करते हुए जिला सचिव नवीन कुमार ने कहा कि विगत 3 अक्टूबर को मीडिया संस्थान न्यूजक्लिक के दफ्तर सहित उससे जुड़े कई प्रतिष्ठित पत्रकारों के घरों पर दिल्ली पुलिस ने अचानक छापा मारा तथा संस्थान के संस्थापक प्रवीर पुरकायस्था,

प्रशासनिक अधिकारी अमित चक्रवर्ती; पत्रकार उर्मिलेश, चौगाई की बेटी भाषा सिंह, अभिसार शर्मा सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया. बाकि लोगों को तो पूछताछ के बाद देर शाम छोड़ दिया गया लेकिन प्रवीर पुरकायस्था और अमित चक्रवर्ती को जेल भेज दिया गया.यह छापा ‘द न्यूयाॅर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के आधार पर मारा गया, जिसमें पुलिस ने न्यूजक्लिक पर चीन से पैसा लेने का आरोप लगाया है.

पत्रकारों पर कई प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगाते हुए यूएपीए तक की धारा लगा दी गई है. माले के जिला सचिव नवीन कुमार ने कहा कि मोदी शासन में भारत में प्रेस की आजादी का ग्राफ लगातार नीचे ही गिरता जा रहा है. 180 देशों की सूची में भारत आज 161 वें स्थान पर है. इतनी शर्मनाक हालत आजाद भारत ने कभी नहीं देखी थी.

माले के युवा नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार अब सोशल मीडिया की आजादी को भी नियंत्रित करने के प्रयास में है. मेनस्ट्रीम यानि ‘गोदी मीडिया’ तो पूरी तरह से उसके चंगुल में है ही, जिसपर वह करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाती है. बावजूद, सरकार अंदर से बेहद भयभीत रहती है.

इसलिए अब वह सोशल मीडिया को निशाना बना रही है, जहां मोदी सरकार और भाजपा के झूठ की पोल खोलने की संभावना अब भी मौजूद है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर सक्रिय जनपक्षधर मीडिया ग्रुपों व पत्रकारों पर इसी कारण कई बहाने बनाकर हमला किया गया है.वक्ताओं ने पूरे देश में प्रेस की आजादी की कथित पुनर्बहाली की मांग की।