पूर्णिया:-14 अक्टूबर(राजेश कुमार झा) दिनांक14/10/2023 को रबी महाभियान 2023 अन्तर्गत जिला स्तरीय रबी कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन प्रेक्षाग्रह,पूर्णिया में जिला पदाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में तथा संयुक्त निदेशक (राज्य) पूर्णिया प्रमंडल, पूर्णिया की उपस्थिति में किया गया. जिला पदाधिकारी एवं राज्य स्तरीय नोडल पदाधिकारी ,भोला पासवान शास्त्री कृषि विश्वविद्यालय के प्राचार्य एवम् जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया
इस कार्यक्रम में राज्य स्तरीय नोडल पदाधिकारी, उप निदेशक (रसायन) मिट्टी जाँच प्रयोगशाल पटना, जिला कृषि पदाधिकारी -सह- परियोजना निदेशक, आत्मा, उप निदेशक (पौधा संरक्षण), अवर प्रमंडल पशुपालन पदाधिकारी, सहायक निदेशक (उद्यान), सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण) सहायक निदेशक (रसायन), सहायक निदेशक (पौधा संरक्षण), अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, बायसी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी बनमनखी, केन्द्र प्रधान, कृषि विज्ञान केन्द्र जलालगढ़, प्राचार्य, भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया तथा वरीय वैज्ञानिक, सभी प्रखंड से आए प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार तथा विभिन्न प्रखंड से आए कृषक बंधु उपस्थित हुए।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी द्वारा कहा गया कि इस महाभियान को संकल्प दिवस के रूप में ले। सभी कर्मी तथा पदाधिकारियों को निदेशित किया कि लक्ष्य तैयार कर उस अनुसार काम को, पहले जो किया है और जो करने वाले है इसका लेखा-जोखा रखें। कृषि की महत्ता को समझने की आवश्यकता है। कृषि को कैसे आकर्षक बनाया जाए ताकि युवा पीढ़ी का कृषि की ओर रुझान हो, कृषि उत्पादन कैसे बढ़ाया जाए तथा कृषि उद्यमी को बढ़ावा तथा उत्पन्न को।
जिला पदाधिकारी महोदय से किसान भाइयों से अनुरोध किया की 80:20 के सिद्धांत अपनाना चाहिए। 80% परम्परागत तरीके से खेती करे एवं 20% नई फसलों को अपनाए। दोनों के उत्पादन तथा उससे होने वाले मुनाफा की तुलना करे। जिंदगी में आगे बढ़ना है तथा कृषि के क्षेत्र में युवाओं को आकर्षित करना है। Backward Iinkage or forward linkage पे ध्यान देने के लिए कर्मी तथा पदाधिकारीयों को निदेश दिया।
जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा कृषि के क्षेत्र में योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी किसानों तथा कर्मीयों के बीच सांझा किया गया। सभी सहायक निदेशकों ने अपने क्षेत्र से संबंधित योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। तथा वरीप वैज्ञानिकों, केंद्र प्रधान एवं प्राचार्य के द्वारा जलवायु अनुकुल कृषि, मखाना की खेती, महा प्रबंधन, रबी फसल मक्का तथा विभिन्न फसलों की वैज्ञानिक जानकारी एवं दलहन, तेलहन खेती के बारे में भी अवगत कराया गया।