टिकटों की कालाबाजारी ने खोली मेजबानी करने वाले संघ की पोल

कानपुर

कानपुर, भूपेंद्र सिंह। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों का विवादों से नाता टूटने का नाम ही नही ले रहा है है अब उसके लिए नए विवाद ने जन्म ले लिया है। 29 अक्टूबर को अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में खेले जाने मैच के लिए टिकटों की कालाबाजारी होने से मेजबान संघ के प्रति क्रिकेट जगत के अलावा आम जनता के बीच खासा रोष व्याप्त हो चला है।

यूपीसीए के पदाधिकारी के मुताबिक भारत और मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड के बीच लखनऊ में खेले जाने वाले आगामी क्रिकेट विश्व कप (सीडब्ल्यूसी) के ,टिकट 50,000 रुपये की कीमत तक में बेचे जाने की सूचना मिल रही थी। माना जा रहा है कि टिकटों की कालाबाजारी पर पुलिस के साथ ही खुफिया तन्त्र के सूत्र मैच से जुडे प्रत्येक व्यक्ति को रडार पर ले चुके हैं।

सोशल मीडिया पर भी मैच के टिकटों की कालाबाजारी वाली गतिविधियों पर नजर रखी जा रही हैं।
यूपीसीए के सूत्र बतातें हैं कि जब से विश्व कप के कार्यक्रमों की घोषणा हुई है,तब से ही भारत-इंग्लैंड मैच के टिकट खरीदने के लिए लोग दर-दर भटक रहे हैं।हालाँकि, आधिकारिक टिकट बुकिंग वेबसाइट अभी भी ‘टिकट जल्द ही आने की बात कह रही है,” एक शौकीन प्रशंसक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा,उन्होंबने अपने परिवार के लिए ब्लै क में टिकट खरीदे हैं।

क्रॉस-चेक करने पर, आधिकारिक बुकिंग वेबसाइट ने अभी भी कहा कि भारत-इंग्लैंड मैच के टिकट जल्द ही उपलब्ध होंगे। एक अन्य क्रिकेट प्रशंसक, डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ, ने कहा: “मैं किसी भी कीमत पर टिकट खरीदने के लिए तैयार हूं। यदि आपके पास है तो कृपया उन्हें मुझे प्रदान करें,” जब उनसे प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने संवाददाता से कहा कि”ऑनलाइन टिकटों की तलाश करने वह इकाना स्टेडियम तक चले जाते हैं लेकिन वहां भी निराशा ही हाथ लगती है।

वहीं दर्शकों के लिए हो रहे टिकटों के संकट ने मेजबानी इकाई उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। यूपीसीए के एक पूर्व पदाधिकारी ने बताया कि यूपीसीए को प्रत्येक मैच में टिकटों का कोटा मिल रहा था। अब इस मैच के लिए“हमें टिकटों का अपना कोटा मिल गया है, लेकिन वह सार्वजनिक वितरण या टिकट काउंटरों के माध्यम से बिक्री के लिए नहीं है।

अगर कोई हमारे पास आता है, तो हम उनके लिए टिकट का प्रबंध करने का प्रयास करेंगे।उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया कि गैर-भारत मैचों में मुफ्त टिकट क्यों नहीं वितरित किए गए हैं, जबकि मैचों के दौरान स्थल अपेक्षाकृत खाली था।