-यूपीसीए के चयनकर्ता और उनके एजेन्ट सतर्क
कानपुर, भूपेंद्र सिंह। उत्तर प्रदेश की अंडर- 19 क्रिकेट टीम में चयन कराने के नाम पर अब नए खुलासों ने जन्म ले लिया है। मामला है बलिया और आजमगढ के एक उदीयमान क्रिकेटरों का जिससे भाई के एजेन्ट के रूप में कार्य कर रहे शख्स को एकदम नंगा कर दिया है। उन क्रिकेटरों ने एक एजेन्टं पर रुपए लेकर टीम में शामिल करवाने का आरोप लगाया है।
उनकी इस पहल से उन क्रिकेटरों का मनोबल बढ गया जो अब अपनी बात किसी से भी करने के लिए तैयार बैठे हैं। यही नही बलिया के एक खिलाड़ी ने भाई के एजेन्ट पर लगभग एक लाख 90 हजार रुपये हड़पने का भी आरोप लगाया है तो दूसरे ने 65 हजार हडपने का। नए मामलों का खुलासा होने के बाद से उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) सतर्क हो गया है और उन एजेन्टो पर शायद आवश्यक कार्रवाई पर विचार करने का मन बना रहा है।
संघ के इस अघोषित निर्णय से चयनकर्ता और उनके एजेन्ट पूरी तरह से सतर्क हो चुके हैं और हाल फिलहाल एक दूसरे से सम्पर्क करने से बचते फिर रहे हैं।
मामलों का यह सामने आया है कि क्रिकेटरों ने टीम में चयन को लेकर एजेन्ट के खाते में चेक जमा कराए थे। आरोप है कि एजेन्ट ने क्रिकेटर को जनवरी 2017 में उनका काम हो जाने का पुरा आश्वाेसन दिया था।
जब बलिया के उस क्रिकेटर का चयन यूपी की अण्डर-19 टीम में नहीं हुआ, तो पीड़ित ने एजेन्ट से अपनी रकम वापस मांगी। जिसके बाद उन्नाव वाले एजेन्ट ने उन्हें कुछ चेक दी लेकिन वह बाउंस कर गई। चेक बाउंस मामले में एजेन्टं के खिलाफ उन्होंने एफआइआर भी दर्ज कराई थी।
गौरतलब है कि साल 2017 में ही उक्त आरोपित एजेन्ट पर दो लाख 65 हजार रुपये ठगने की एफआइआर दर्ज कराई थी। लगातार दो मामले संज्ञान में आने के बाद से यूपीसीए के भीतर पूरी तरह से हडकम्प मचा हुआ है। सबसे आश्चर्य जनक बात तो यह है कि एजेन्ट की ओर से ली जा रही रकम को किसी के भी खाते में ट्रान्सफर नही दिखाया जाता है।
जबकि यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि इस तरह के मामले बेहद ही चिन्ता का विषय हैं। उन्होनें यह भी कहा कि एजेन्टों का प्रवेश संघ के कार्यालय में हो सकता है लेकिन वह किससे मिलकर चले जाते हैं यह रहस्य बना हुआ है।
वहीं दूसरी ओर संघ के अध्यक्ष निधिपति सिंहानिया ने एक चिटठी जारी कर सभी को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। जारी चिटठी में कहा गया है कि संघ विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वालों को तत्काल प्रभाव से निष्कासित करने के लिए किंचित मात्र भी समय नही लगाया जाएगा।