यूपीसीए के अधिकारियों को एक्सपोज करने की धमकी तो नहीं बनी खिलाड़ी पर पुलिसिया कार्रवाई की वजह

कानपुर

–खिलाड़ी और उसके परिवार पर हो गई कानूनी कार्रवाई* उठ रहे सवाल,
–चयनकर्ता ने पहले क्यों नहीं दी आला कमान को सिफारिश की जानकारी*

कानपुर, भूपेंद्र सिंह। शासन के मुख्य सचिव के नाम से कोई भी शख्स फोन करता है और उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के चयनकर्ता उस पर कोई भी जानकारी बटोरने की कोशिश नहीं करते बल्कि उसे टीम में स्थान देने की भरसक कोशिश में जुटजाते हैं। चयनकर्ता भीगी बिल्ली की तरह बात मानते हुए खिलाड़ी को टीम में चुन लेते हैं।

खिलाड़ी टीम के साथ दिल्ली और चंडीगढ़ की फ्लाइट से यात्रा भी करता है। शक होने पर उसे बाहर निकालने के लिए आदेश आता है तो इकाना में भारत-इंग्लैंड मैच के दौरान यह खिलाड़ी चयनकर्ता और उत्तर प्रदेश क्रिकेट के अधिकारियों को एक्सपोज करने की धमकी देता है और अगले ही दिन उस पर, उसके भाई पर और पिता पर कानूनी कार्रवाई हो जाती है।

ये पटकथा किसी फिल्म या सीरियल की नहीं, बल्कि हकीकत में उत्तर प्रदेश क्रिकेट और उसके अधिकारियों के साथ हुई घटना की है। सवाल ये है कि चयनकर्ता को जब मुख्य सचिव बनकर किसी ने फोन किया तो उसकी जानकारी पुलिस में पहले क्यों दी गई? क्यों उस खिलाड़ी को दिल्ली और चंडीगढ़ में मैच खेलने गई 30 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया? आखिर ऐसे क्या राज थे, जिसे सबके सामने एक्सपोज करने की धमकी दी जा रही थी? ये सब बताता है कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट में जो कुछ भी हो रहा है वो बहुत ही रहस्यमयी है और इसका खुलासा होने पर कईयों पर गाज गिरना तय है।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट की सीनियर चयन समिति की धांधली की शिकायत को लेकर अंडर 23 के एक खिलाड़ी पर पुलिसिया गाज गिर गई है। संघ की ओर से दर्ज शिकायत पर अंडर 23 के खिलाड़ी को जेल भेज दिया गया है, जबकि आरोप है कि चयन प्रक्रिया प्रारंभ होने से पूर्व ही चयन समिति के एक सदस्य ने एजेंट के माध्यम से 20 लाख रुपए तक की मांग कर डाली थी।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट के सूत्र बताते हैं कि बर्रा थाने में पकड़े गए तीनों आरोपी संघ के चयनकर्ता पर शासन के मुख्य सचिव के सचिव का नाम लेकर टीम में लिए जाने का दबाव बना रहे थे। उत्तर प्रदेश क्रिकेट के सूत्र बताते हैं कि यह मामला बेहद गंभीर है। यदि चयन प्रक्रिया से पहले ही उसने चयनकर्ता पर दबाव बनाया था तो चयनकर्ता ने यह सूचना आला अधिकारियों से क्यों छुपा कर रखी और तेज खिलाड़ियों के दल में उसको चंडीगढ़ और दिल्ली की सैर क्यों करवाई।

दावा ये भी किया जा रहा है कि जब चयनकर्ता को इस खिलाड़ी की हकीकत पता चली तो उसने खिलाड़ी पर एक्शन लेने का मन बनाया। हालांकि तब तक इतनी देर हो चुकी थी कि चयनकर्ता खुद से हिम्मत नहीं जुटा सके। जब यह मामला सहारनपुर के भाई तक पहुंचा तो खिलाड़ी को लखनऊ में हुए वर्ल्ड कप मैच के दौरान इकाना में बुलाया गया। इकाना में खिलाड़ी को प्रेशर में लिया गया तो उसने भी चयनकर्ता और सहारनपुर के भाई को खरी खोटी सुना दी।

दावा है कि खिलाड़ी ने सबके सामने उत्तर प्रदेश क्रिकेट की पोल खोल कर रख दी। पूरी दुनिया के सामने उन्हें एक्सपोज करने की धमकी दी। पूरे कमरे में सन्नाटा छा गया। उसके जाने के बाद उसके खिलाफ कानूनी एक्शन की पूरी रणनीति बनी और फिर अगले ही दिन उसे धर लिया गया। अब ये जांच का विषय है कि खिलाड़ी के पास यूपीसीए के ऐसे कौन से राज थे, जिसको दबाने के लिए ये सारा नाटक रचा गया।