आगामी 29 एवं 30 नवम्बर आयोजित होगा राष्ट्रीय सेमिनार
डेस्क/ विक्रांत: एक समय मोटा अनाज को गरीबों का भोजन कहा जाता था, लेकिन अब यह सुपर फूड के रूप में उभरा है और अभिजात वर्ग के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहा है। बाजरा को मोटे तौर पर दो श्रेणियों ‘‘बड़ा मिल्लेट्स‘‘ (ज्वार, बाजरा, रागी) और ‘‘छोटा मिल्लेट्स‘‘ (कुटकी, कोदो, सावा, कंगनीध्काकुन और चीना) में वर्गीकृत किया गया है। इन सुपर फसलों की बहुमुखी प्रतिभा को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया।
हाला कि खराब आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, कम मूल्य सृजन, बाजार नेटवर्किंग की कमी और तकनीकी बाधा के कारण पोषक-अनाज बाजार अच्छी तरह से व्यवस्थित नहीं है। इस दिशा में काम करने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘‘न्यूट्री सीरियल्स‘‘ पर आयोजित कर रही है जो २९ और ३० नवंबर २०२३ को सबौर के विश्वविद्यालय परिसर में होगी। यह संगोष्ठी बामेती, बिहार सरकार, सबएग्रिस, नाबार्ड,पटना के सहयोग से आयोजित की जा रही है।
सेमिनार में बिहार सरकार के नीति निर्माताओं, स्टार्ट-अप, प्रगतिशील किसानों, वैज्ञानिकों और शोध छात्रों के साथ-साथ क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर के संस्थान के 250 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे। इस कार्यक्रम का उद्घाटन श्री समीर कुमार महासेठ, माननीय उद्योग मंत्री, बिहार सरकार द्वारा विशेष अतिथि डॉ. रमेश मित्तल,
निदेशक सीसीएस-एनआईएएम, जयपुर संदीप पौंड्रिक. अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) पंकज दीक्षित, निदेशक (उद्योग)य और मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, पटना की उपस्थिति में डॉ. डी. आर. सिंह, कुलपति, बीएयू, सबौर के संरक्षण में किया जाएगा।