चंपारण : जिला स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में मोतिहारी बना विजेता

मोतिहारी

प्रधानमंत्री पूरे देश में खेल प्रतिभाओं को निखारने में हैं जुटे : राधामोहन सिंह

मोतिहारी / राजन द्विवेदी। भाजपा जिला किसान मोर्चा के तत्वावधान में आज ऐतिहासिक गांधी मैदान में जिला स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें मोतिहारी की कबड्डी टीम ने संग्रामपुर प्रखंड की टीम को हराकर विजेता बना।

इस दौरान सांसद सह पूर्व केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह के साथ विधायक सुनील मणि तिवारी, श्याम बाबू प्रसाद, कृष्णनंदन पासवान, उप महापौर डॉ लालबाबू प्रसाद, मंकेश्वर सिंह, पूर्व विधायक सचिंद्र सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रकाश अस्थाना, पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रकिशोर मिश्रा, राजेन्द्र गुप्ता, जिला महामंत्री मार्तंड नारायण सिंह, पंकज सिन्हा सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने खिलाड़ियों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया।

वहीं विजेता और विजेता टीम को सांसद राधामोहन सिंह ने शिल्ड प्रदान किया। खेल समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को निखारने एवं उन्हें राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

प्रधानमंत्री के द्वारा खेलो इंडिया जैसे सराहनीय कदम उठाये गए जिसके कारण युवा वर्ग में खेल कूद के प्रति जागरूकता और जोश बढ़ा है, और इसका सकारात्मक परिणाम देशवासियों ने तब देखा जब एशियन गेम्स 2023 में भारत के खिलाडियों ने 100 से अधिक मेडल जीत कर इतिहास रच दिया।

बताया कि उक्त प्रतियोगिता में 13 प्रखंड के प्रतिभागी भाग लिए मोतिहारी पिपराकोठी मेहसी चकिया कोटवा कल्याणपुर संग्रामपुर तेतरिया पहाड़पुर आरेराज तुरकौलिया हरसिद्धि केसरिया ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में । मोतिहारी में संग्रामपुर को 53.19 से हराया। श्री सिंह ने कहा कि कबड्डी एक खेल है, जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में खेली जाती है।

कबड्डी नाम का प्रयोग प्राय: उत्तर भारत में किया जाता है, इस खेल को दक्षिण में चेडुगुडु और पूर्व में हु तू तू के नाम से भी जानते हैं। यह खेल भारत के पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान में भी उतना ही लोकप्रिय है। तमिल, कन्नड़ और मलयालम में ये मूल शब्द “कै” (हाथ), “पिडि” (पकडना) का रूपान्तरण है, जिसका अनुवाद है ‘हाथ पकडे रहना’। कबड्डी, बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है।

उन्होंने कहा कि कबड्डी भारतीय मूल का खेल है, लगभग 4000 साल पुराना खेल है। कबड्डी खेलने के लिए एक छोटे से मैदान की आवश्यकता होती है। कबड्डी एक टीम खेल है जिसमें प्रत्येक टीम में 7 खिलाड़ियों की आवश्यकता होती है। विरोधियों के मैदान में रेड करने वाले खिलाड़ी को आक्रमण करनेवाला जाना जाता है। रेडर को अपनी पूरी रेड में कबड्डी-कबड्डी कहनी है। पूरे खेल का न्याय करने के लिए दो अंपायर होते हैं।

राष्ट्रीय कबड्डी, अंतरराष्ट्रीय कबड्डी प्रीमियर लीग, और अन्य प्रकार के मैच प्रतिष्ठित टूर्नामेंट हैं। कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसमें किसी की आवश्यकता नहीं होती है विशेष उपकरण और केवल एक खेल के मैदान की आवश्यकता है।

भारत सरकार की कबड्डी को ओलपिक खेलों में शामिल करने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही हैं। कहा कि विगत कुछ सालों में देश भर में कबड्डी के लिए रोमांच और लोकप्रियता बढ़ी है। मौके पर प्रदेश संयोजक लघु उद्योग प्रकोष्ठ मनकेश्वर सिंह, किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष राजकिशोर कुशुवाहा, किसान मोर्चा के जिला महामंत्री ईश्वरचंद्र सिंह, किसान मोर्चा के महामंत्री राजू सिंह, क्रीड़ा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक ओमप्रकाश सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।