नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) अप्रवासी भारतीयों ने जिले के वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के बल्लोपुर विद्यालय के बच्चों की बहिर्मुखी प्रतिभा देख उनकी भूरी-भूरी प्रसंशा अभिनेत्री ने की। उन्होंने अपना अद्यतन बढ़ाने के लिए शू- मोजा उपलब्ध कराया है।
विद्यालय के शिक्षक कौन्तेय कुमार ने बताया कि शिक्षक श्रीकांत कुमार के प्रयास से अप्रवासी भारतीय द्वारा विद्यालय के वर्ग 6 से वर्ग 8 के बच्चों के लिए 100 जोड़ी जूते- मौजे उपलब्ध कराए हैं जिसे सैटरडे में शामिल होने वाले प्रोग्रामर मैनेजर अविनाश कुमार के साथ बच्चों के बीच बातचीत में शामिल किया गया।
उत्क्रमित मध्य विद्यालय बल्लोपुर हिंदी के शिक्षक के नवाचार शिक्षण पद्धति और बच्चों की प्रतिभा से प्रभावित बच्चों को प्रोत्साहन के लिए अमेरिका और इंग्लैंड के अप्रवासी भारतीयों ने आशीर्वाद स्वरूप बच्चों के लिए सामग्री उपलब्ध कराई है।
स्कूल में कई काम कर चुके हैं। समाज का सहयोग लेकर वे स्कूल का रंग रोगन, लाइब्रेरी में किताब, बच्चों के लिए एटलस, आर्ट गैलरी के लिए सामग्री, ग्रीन बोर्ड, गोदरेज़, स्कूल और सभी कक्षों में दनाबिन, किशोरी में कक्ष वर्ष भर के लिए आवश्यक सामग्री, थाली, ग्लास आदि उपलब्ध कराये रहे हैं।
शिक्षक-शिक्षिकाओं के कार्यकलाप एवं बच्चों की प्रतिभा को देखते हुए, डीडीसी भी इसके संस्थापक हैं। डीडीसी ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए स्कूल के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए, जिसकी कीमत 15 लाख है। मेकिंग स्मार्ट रूम, लाइब्रेरी के लिए कोटा, प्रिंस के लिए बोरिंग, सिलिकॉन प्लेट, स्कूल में हार्वेस्टिंग सिस्टम, मेडिटेशन के लिए साउंड सिस्टम आदि प्लेसमेंट जाने जाते हैं।
इससे पहले भी पर्यावरण के लिए उच्च स्तर पर वैज्ञानिक विद्यालय केवल बच्चों द्वारा किया जा रहा था, जो कि उस संबंध में जिला पैमाने से विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई थी। जिसमें बच्चों के प्लास्टिक के टुकड़े होते हुए रैप्टर से कलाकृतियां बनाई जाती हैं और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने का सबसे अच्छा तरीका समाज को सिखाया जाता है।
सही शब्दों में कहा जाए तो उत्क्रमित मध्य विद्यालय बल्लोपुर हिंदी अपने तरह का एक आदर्श विद्यालय है।
इस संबंध में श्रीकांत ने बताया कि आकांक्षी जिला अंतर्गत वारिसलीगंज प्रखंड में यह विद्यालय मॉडल विद्यालय अंकित है जो अभी भी प्रक्रियाधीन है। मॉडल स्कूल का कार्य प्रारंभ हो जाने पर स्कूल के बच्चों की प्रतिभा में और भी गुण स्तर में वृद्धि होगी।
टीचर्स यूके ने विदेश में रह रहे भारतीयों की प्रतिभा दिखाते हुए भी कहा कि सुदूर ग्रामीण बच्चों को इस तरह के प्रोत्साहन की जरूरत है। जिससे वे भी देश की प्रगति में आगे योगदान दे सकने में सक्षम हो जायेंगे।
कंसल्टेंसी, क्रोमियम के साथ अब अप्रवासी भारतीयों ने भी इस विद्यालय की सुध ली है तो विश्वास हो गया है कि यह विद्यालय पूरे राज्य में एक आदर्श के रूप में स्थापित होगा।
संस्था के सहायक शिक्षक करण कुमार, मोहम्मद रागिब सहित विद्यालय के सभी बच्चे उपस्थित थे। बता दें कि शू- मोजा उपलब्ध वुल्कर्स में से एक हेरिलीगंज की महिलाएं हैं जो इंग्लैंड में रहती हैं, जबकि अन्य अवशेष जिले कादिरगंज के हैं, जो अमेरिका में इंजीनियर हैं। दोनों ने अपना-अपना नाम सार्वजनिक करने से मना कर रखा है।