पटना, डेस्क :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज बोधगया के तिब्बतियन मोनेस्ट्री पहुंच कर बौद्ध धर्म गुरू परम पावन दलाई लामा जी से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने परम पावन दलाई लामा जी को पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर उनका स्वागत किया और उन्हें नमन कर उनका आशीर्वाद लिया। परम पावन दलाई लामा जी ने मुख्यमंत्री को दीर्घायु एवं स्वस्थ रहने का आशीर्वाद दिया और मुख्यमंत्री ने भी परम पावन दलाई लामा जी के स्वस्थ और सुदीर्घ जीवन की कामना की।
परम पावन दलाई लामा जी से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आप जब भी यहां आते हैं तो हम आपसे मिलने आते हैं और आपका आशीर्वाद लेते हैं। सभी धर्मों के प्रति हमलोगों का सम्मान है। बौद्ध धर्म के प्रति भी हमलोगों का सम्मान है। मुख्यमंत्री ने परम पावन दलाई लामा जी को वैशाली में बनने वाले बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री के आग्रह को परम पावन दलाई लामा जी ने स्वीकार किया।
इसके पश्चात् तिब्बतियन मोनेस्ट्री में ही मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय संघ मंच के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया। इसके पश्चात् महाबोधि मंदिर परिसर में मुख्यमंत्री ने महाबोधि महाविहार एवं बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमिटी कार्यालय में 180 के0 डब्ल्यू०पी० सोलर पावर प्लांट का शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास किया। साथ ही महाबोधि मंदिर के उत्तर दिशा में पीतल से निर्मित भव्य द्वार का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने महाबोधि मंदिर के आउटर बाउंड्री रेलिंग का भी शिलान्यास किया।
इसके पश्चात् महाबोधि मंदिर में मुख्यमंत्री ने भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना की और राज्य की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने बोधि वृक्ष की भी पूजा-अर्चना की।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री कुमार सर्वजीत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, मगध प्रमंडल के आयुक्त श्री मयंक वरवड़े, मगध प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक श्री क्षत्रनील सिंह, गया के जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एस०एम०, गया के वरीय पुलिस अधीक्षक श्री आशीष भारती, बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमिटी की सचिव श्रीमती महाश्वेता महारथी, बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमिटी के सदस्य श्री अरविंद सिंह, चीफ मौंक चालीन्दा भंते समेत वरीय पदाधिकारी, भंतेगण और बौद्ध श्रद्धालुगण मौजूद थे।