— कक्षा 6 से 12 की सभी लड़कियों एवं सभी गर्भवती महिलाओं का टॉक-टेस्ट-ट्रीट आधार पर किया जा रहा है जाँच एवं उपचार
Biharsharif/Avinash pandey: एनीमिया मुक्त भारत के तहत नालन्दा जिला में एनीमिया मुक्त अभियान का 22 सितंबर को जिलाधिकारी द्वारा शुभारंभ किया गया था। आरबीएसके की 30 टीम एवं 49 चिकित्सकों द्वारा जिला के सभी 1046 विद्यालयों में कक्षा 6 से 12 तक की सभी छात्राओं एवं सभी 3405 आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की जाँच कर एनीमिया ग्रस्त पाए जाने वालों का उपचार किया जा रहा है।
सभी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए निर्धारित रोस्टर के अनुरूप आर० बी० एस० के० टीम संबंधित विद्यालय/आंगनबाड़ी केंद्र पर जा कर लक्षित समूह की लड़कियों एवं महिलाओं की टॉक-टेस्ट-ट्रीट (टी-3) आधार पर जाँच एवं उपचार कर रही है । यह अभियान स्वास्थ्य विभाग,शिक्षा विभाग एवं समेकित बाल विकास परियोजना के समन्वय से क्रियान्वित किया जा रहा है।
जिलाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में शनिवार को हरदेव भवन सभागार में इस अभियान के तहत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई जिसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ अन्य सहयोगी विभागों के पदाधिकारीगण शामिल रहे। समीक्षा में पाया गया कि प्रतिदिन 2 विद्यालय एवं एक आंगनबाड़ी केंद्र में जाँच करने के पूर्व से निर्धारित रोस्टर एवं लक्ष्य के अनुरूप जाँच नहीं हो रही है। जिलाधिकारी ने इसपर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुये सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को अपने पर्यवेक्षण में जाँच की प्रक्रिया में तेजी लाते हुये लक्ष्य को पूरा करने का निदेश दिया।
बताया गया कि जांच के क्रम में अभी तक 941 गंभीर एनीमिया के मामले पाये गए हैं जिनका विधिवत उपचार किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने इन सभी लड़कियों महिलाओं एवं उनके परिजनों की काउंसलिंग एक सप्ताह के अंतर्गत सुनिश्चित करने का निदेश दिया। सभी सीवियर एवं मॉडरेट मामलों की उपचार के उपरांत फिर से जांच कराने का निदेश दिया गया। आरबीएसके के जिला समन्वयक को इसकी प्रतिदिन मोनिटरिंग सुनिश्चित करने का स्पष्ट निदेश दिया गया।
जो भी जाँच दल ठीक से कार्य नहीं कर रही है, उसके विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा गया।जिन लड़कियों महिलाओं का हीमोग्लोबिन कम पाया जा रहा है, उन्हें दवाइयां देकर उचित उपचार किया जा रहा है।अभियान का लक्ष्य नालंदा को एनीमिया मुक्त बनाना है। एनीमिया से ग्रसित बच्चियों और महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए यह अभियान महत्वपूर्ण है। बैठक में उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, डीपीएम, स्वास्थ्य विभाग के अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आदि शामिल थे।