चंपारण : डॉ. आशुतोष शरण को मिला ज्ञानसागर सम्मान, कहामाता-पिता से बढ़कर हित चिंतक कोई नहीं

मोतिहारी

मोतिहारी / राजन द्विवेदी। शहर के अगरवा स्थित ज्ञानसागर पब्लिक स्कूल के 27 वें वार्षिकोत्सव में ज़िले के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. आशुतोष शरण को ज्ञानसागर सम्मान दिया गया। डॉ. शरण को यह सम्मान संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के इज़ेडसीसी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में सदस्य प्रसाद रत्नेश्वर ने प्रतीक चिह्न एवं अंगवस्त्रम देकर किया।

डॉ. शरण को यह सम्मान कोरोना काल में जान की बाज़ी लगाकर मानवता की सेवा के लिए दिया गया। विद्यालय के वार्षिकोत्सव का दीप प्रज्वलित कर उदघाटन तथा सम्मान प्राप्त कर अपने सम्बोधन में डॉ. आशुतोष शरण ने कहा कि माता-पिता से बढ़कर बच्चों का हित चिंतक कोई नहीं। इसलिए उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए।

उन्होंने पैसे कमाने से अधिक यश कमाने पर बल देते हुए कहा कि किसी व्यक्ति का यश उसके नहीं रहने के बाद भी ज़िंदा रहता है। स्वच्छता पर बल देते हुए डॉ. शरण कहा कि स्वच्छ्ता का अर्थ केवल साफ कपड़े पहनना नहीं बल्कि अपने हृदय को स्वच्छ रखना है।

विद्यालय के प्राचार्य एवं मंच संचालक धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने डॉ. शरण को ज़िले की जनसेवी प्रतिभा और बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत बताया। मौके पर डॉ. शरण एवं अन्य अतिथियों ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल गुप्ता, सचिव राजीव रंजन, विद्यालय के शिक्षकों सुषमा श्रीवास्तव,संगीता सिंह, रानी सिंह, ओमप्रकाश सिंह, गजेंद्र कुमार यादव, अभिषेक सिंह,शमीम अख्तर,राजीव कुमार पाण्डेय एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के कलाकारों को पुरस्कृत किया।

धन्यवाद ज्ञापन निदेशक अनवर हुसैन ने किया। कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मन मोहा लिया। नृत्य प्रस्तुति में रिया रानी, माही, निधि, मीनाक्षी, अनन्या पाठक, रौनक राज, जाह्नवी आदि व नृत्य निर्देशक शिवम जायसवाल थे।