पूर्णिया:-10 फरवरी(राजेश कुमार झा)शहर के बीचोबीच तकरीबन 23 एकड़ जमीन को खाली करवाने में जिला प्रशासन ने लगा दी है पूरी ताकत.सवाल आखिर क्यों.इसको समझने के लिये आपको कई चीजों को बड़ी बारिकी से समझना होगा.सबसे बड़ी बात मानवता को भी समझने की जरूरत है.बताते चलें कि 1976 से लेकर आज तक तकरीबन 1200 से अधिक परिवारों ने जिस जमीन पर अपने बच्चों के जन्म से लेकर शादी विवाह की खुशियां देखी.अपनों के जाने का गम भी देखा.
एक दूसरे का मनमुटाव भी देखा. लेकिन आज सब कुछ इनके हाथों से फिसलता दिख रहा है.इन्हें लगता है कि अब इनकी मदद करने वाला अब कोई नहीं है.लेकिन सबसे बड़ी बात इन 1200 से अधिक बसे परिवारों की गलती क्या है.इनकी गलती है कि ये जमींदार को रुपये देकर जमीन खरीदे.दाखिल खारिज करवाया.रसीद कटवाया. म्युनिसिपल टेक्स,बिजली बिल भी देते रहे.जमीन पर इंदिरा आवास,प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऋण भी लिये.
लेकिन उसके बावजूद आज इन्हें बेघर होने की चिंता खाये जा रही है.इसके पीछे सबसे बड़ा कारण भूमाफिया है.ये भूमाफिया जमींदार से जमीन का एग्रीमेंट करवा कर,इस जमीन पर बहुत आलीशान हाउसिंग कॉलोनी बनाना चाहते है.क्योंकि ऐसी जमीन किसी भी बिल्डर के लिये सोना है.फिलहाल सबकी नजर जिला प्रशासन द्वारा कल की कारवाई पर टिकी है.