अपने ही गृह जिले में डुमरांव महाराज तिरस्कृत, तीन सालों में नही हुआ प्रतिमा का अनावरण : युवराज

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निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन देने का राज परिवार ने किया फैसला, कहा पार्टी के नाम पर न दें वोट

विक्रांत। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद जिले में सियासी पारा तेजी से चढ़ने लगा है। दलीय उम्मीदवारों के अलावे निर्दलीय प्रत्याशी भी लोगों को खूब भा रहे हैं और अब निर्दलीय प्रत्याशियों के समर्थन में डुमरांव के राज परिवार का भी नाम शामिल हो चुका है। डुमरांव के बड़ा बाग में राजपरिवार से युवराज कुमार चंद्रविजय सिंह प्रेस वार्ता आयोजित कर जानकारी देते हुए बताया कि वो इस लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी और आईपीएस रहे आनंद मिश्रा का समर्थन कर रहे हैं।

कारण उन्होंने बताते हुए कहा कि जिले में एक से एक पार्टियों की सत्ता काबिज हुई लेकिन किसी ने डुमरांव के मजबूत धरोहर रहे स्व.महाराज कमल बहादुर सिंह की स्मृतियों को न तो सहेजा, न ही उनके लिए कुछ काम किया।

युवराज ने बताया कि उनके पिताजी सह शाहाबाद के प्रथम सांसद रहे स्व. महाराज ने क्षेत्र को कई उपलब्धियां दी। कई स्कूल कॉलेज, कई अस्पताल सहित अन्य कई प्रतिष्ठान महाराज के कार्यकाल में खोले गए लेकिन आज डुमरांव अनुमंडल कार्यालय में महाराज अपने ही क्षेत्र में उपेक्षित हैं। महाराज की प्रतिमा पिछले तीन वर्ष से बनकर प्लास्टिक में लिपटी हुई है और उसका अनावरण नही किया जा रहा है। युवराज ने कहा कि इसके लिए उन्होंने भाजपा, जेडीयू, आरजेडी सहित अन्य कई पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की पर सबने सिर्फ आश्वासन दिया। काम किसी से कुछ नही हुआ और आज भी महाराज द्वारा क्षेत्र को कई उपलब्धियां देने के बावजूद उन्हें तिरस्कृत भावना से देखा जा रहा है।

युवराज ने बताया कि भाजपा को आगे बढ़ाने में भी महाराज ने अपनी अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन आज यह ऐहसानफरामोश भाजपा और सांसद अश्विनी चौबे भी अपने कार्यकाल में महराज को तिरस्कृत होते हुए देखते रहे। अतः उन्होंने संकल्प लिया है कि इस बार एक निर्दलीय को जिताना है, विजई बनाना है और उसे संसद भेजना है। उन्होंने कहा कि बाहरी भगाओ बक्सर बचाओ की कहावत को चरितार्थ करना है, ताकि अब से भी पार्टी के नाम पर बिना किसी काम के जीतने वालें उम्मीदवारों से बक्सर को बचाया जा सके।