स्टेट डेस्क/पटना: राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा के पूर्व सदस्य शिवानंद तिवारी ने कहा है कि देश में यह पहला चुनाव है जिसमें दस बरसों तक सरकार चलाने वाली पार्टी के प्रधानमंत्री अपनी उपलब्धियों के आधार पर वोट नहीं मांग रहे हैं. बल्कि चुनाव जीतने का अपना एक मात्र मंत्र समाज को सांप्रदायिक आधार पर बांट कर उस के आधार पर इस चुनाव में बहुमत हासिल करना चाहते हैं.
लगभग हज़ार वर्षों से हमारे देश में हिंदू और मुसलमान एक साथ रह रहे हैं. इस दौरान हम लड़े हैं, झगड़े हैं. लेकिन हमेशा एक दूसरे की गर्दन पर तलवार रखकर इतने दिनों से साथ नहीं हैं. अगर ऐसा ही होता तो देश अब तक खंड – खंड हो गया होता. जो सही देश भक्त होगा वह दोनों के बीच भाईचारा बनाए रखने में हमेशा तत्पर रहेगा.
सरकार चलाने वालों पर तो इसकी विशेष जवाबदेही है. क्योंकि जिस संविधान की शपथ लेकर सरकारें सत्ता संभालती हैं उनको संविधान का ही निर्देश है कि अपने नागरिकों के बीच वे किसी तरह का भेदभाव नहीं करेंगी. स्पष्ट है कि मोदी जी की सरकार संविधान की अवहेलना कर रही है.
अगर सरकार के पिछले दस वर्षों के कामकाज पर नज़र दौड़ायें तो बिलकुल स्पष्ट दिखाई देता है कि यह सरकार आम जनता की नहीं बल्कि चंद अमीरों के लिए काम करने वाली है. यही वजह है कि पिछले दस वर्षों के मोदी शासन में अमीरों की संपत्ति में अद्भुत वृद्धि हुई है. तो दूसरी ओर उसी अनुपात में देश में ग़रीबी बढ़ी है.
किसी भी देश में विकास की असली कसौटी पुल-पुलिया या सड़कों का निर्माण नहीं है. बल्कि समाज में बच्चों और महिलाओं की स्थिति क्या है यही विकास की कसौटी मानी जाती है.
हमारे देश में भारत सरकार ही राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराती है. उसकी की रिपोर्ट में बताया गया है कि पहले के मुक़ाबले स्थिति बदतर हुई है.मोदी जी के उनके समर्थक इसी बुनियाद पर उनके नेतृत्व में देश को विश्व गुरू बनाने का दंभ भरते हैं.
एक तरफ़ मोदी जी के नेतृत्व में देश में सांप्रदायिक तनाव और भय का वातावरण तो बना हुआ है तो दूसरी ओर यह सरकार देश को आगे बढ़ाने के बदले पीछे धकेल रही है. इसलिए इस सरकार को सत्ता से च्युत करना ही एक नागरिक के रूप में आज हमारा संवैधानिक दायित्व है.