नालंदा: दिख रहा बदलाब का मूड: दीपांकर भट्टाचार्य

नालंदा

बिहारशरीफ/ अविनाश पांडेय: इंडिया गठबंधन समर्थित भाकपा माले प्रत्याशी डॉ. संदीप सौरव ने गुरुवार को बिहारशरीफ के समाहरणालय स्थित जिला निर्वाचन पदाधिकारी के कक्ष में अपना नामांकन का पर्चा दाखिल किया। नामांकन पर्चा दाखिल करने के उपरांत जैसे ही वह समाहरणालय से बाहर निकले तो मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि नालंदा की जनता ने तय कर लिया है कि बदलाव होगा।

नामांकन के पहले बदलाव की बाजार चल रही है। यह बयार नहीं आंधी में तब्दील हो जाएगा। नालंदा में बदलाव होना है। देश में बदलाव होना है। क्योंकि जनता को मुद्दा चाहिए, जनता को चाहिए महंगाई से मुक्ति, युवाओं को चाहिए रोजगार, किसानों को चाहिए फसल की उचित कीमत, लेकिन मोदी सरकार ने सबके साथ छलाबा करते रही है। महिलाओं का अपमान करते रही है।

सबका हिसाब जनता करेगी और इस बार बदलाव होगा। डॉक्टर संदीप सौरभ को फूल माला पहनाकर नामांकन के उपरांत स्वागत किया गया। समाहरणालय से पैदल ही चलकर डॉक्टर संदीप सौरव अपने समर्थकों के साथ श्रम कल्याण केंद्र के मैदान पहुंचे। नामांकन सभा में भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, संयुक्त किसान मोर्चा नेता योगेंद्र यादव, जेएनयू दिल्ली के छात्र संघ अध्यक्ष धनंजय, कांग्रेस की विधायक नीतू सिंह, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, उपनेता सत्यदेव राम, राजद के विधायक राकेश रोशन, पूर्व विधायक शक्ति यादब, माले विधायक अमरजीत कुशवाहा, एमएलसी शशि यादव, सीपीआई की निवेदिता झा, समेत भाकपा माले, राजद, कांग्रेस, वीआईपी, सीपीएम, आप, भीमआर्मी के नेता मौजूद रहें।

चुनाव आयोग ने चुनावों की निष्पक्षता की नाक कटवाई

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस का अकाउंट चुनाव के बीच में इनलोगों ने बंद कर दिया है। इतने से भी काम नहीं चला है तो सामने वाली टीम के प्लेयर को मैदान से पकड़ कर बाहर निकाल रहे हैं। अरविंद केजरीवाल, हेमंत सोरेन इनका चुनाव के बीच में से बाहर करने के लिए उनकी एक ही नियत थी। अगर यह चुनाव में खड़े रहे तो हम हार जाएंगे। मुझे बेहद शर्म आती है कि इन तमाम हरकतों में इस देश का चुनाव आयोग चुप बैठा हुआ है। बोल नहीं रहा है।

जिस चुनाव आयोग ने पूरी दुनिया में अपनी साख बनाई थी। उस चुनाव आयोग ने आज भारत के चुनावों की निष्पक्षता की नाक कटवा दी है। कुछ लोग पूछते हैं कि मीडिया इनके साथ, पैसा इनके साथ, ईडी इनके साथ, आईटी इनके साथ, पुलिस इनकी, प्रशासन इनकी तो हम कैसे चुनाव लड़ेंगे। इलेक्शन कमीशन भी इनके साथ खड़ा है। इंडिया गठबंधन कैसे चुनाव लड़ेगा।

बीजेपी का मुकाबला कैसे करेगा। इसका जवाब भी जनता ने दे दिया है। इस वक्त इस देश में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला सिर्फ इंडिया गठबंधन की पार्टियों से नहीं हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए इंडिया की जनता खड़ी हो गई है। आज पब्लिक चुनाव लड़ रही है। सब का हिसाब होगा। चुनाव आयोग का भी एक दिन हिसाब होगा।

दिख रहा बदलाब का मूड
भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि नालंदा में मूड है बदलाव का, नालंदा ने नीतीश कुमार जी का बहुत ख्याल रखा है। नीतीश जी ने नालंदा का कितना ख्याल रखा है, यह आप लोग भली-भांति जानते हैं। विकास का जो मॉडल है इसका नाम देना चाहिए बाईपास और फ्लाई ओवर मॉडल है। विकास का यह मॉडल शहर के बाहर ही आपके ऊपर से चला जाता है। किसी शहर में चले जाएंगे तो स्मार्ट सिटी का कहीं कहीं साइन बोर्ड दिख जाएगा।

लेकिन वहां विकास नहीं दिखेगा, वहां अच्छी सड़क नहीं दिखेगी। जब 2014 में मोदी जी के आने का चुनाव था तो उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनसे अलग चुनाव लड़ रहे थे। तब भी नालंदा ने उनका लाज रखा, आज जब मोदी जी के जाने का चुनाव है उनकी विदाई का चुनाव है। तो फिर से एक बार नीतीश जी उनके साथ चले गए हैं। किसान, नौजवान इस देश के लिए हमारी सरकार बनने के बाद काम करेगी। हम लोग 30 लाख खाली पड़े पदों पर भर्ती के अलावा एक करोड़ सरकारी पदों को सृजित कर उन पर भर्ती करेंगे।