मोदी के यूक्रेन दौरे के दौरान पुतिन के सैनिकों ने अपने दुश्मन पर हमले पूरी तरह रोक दिया ,जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन की यात्रा के समय हमले जारी थे

देश-विदेश
  • तो क्या ? श्री मोदी ,रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभा रहे हैं?
  • इससे दुनियाके सबसे बड़े लोकतंत्रत, एवं; भारत के इस प्रधानमंत्री ‌मोदी की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।

सेंट्रल डेस्क, 23 अगस्त को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेढ़ साल से चल रहे युद्धग्रस्त देश यूक्रेन के दौरे पर जाकर पूरी दुनिया को अचंभित कर दिया है। रूस और यूक्रेन के बीच पिछले डेढ़ वर्ष से लगातार युद्ध चल रहा है। रूस प्रतिदिन यूक्रेन पर मिसाइलें एवं गोले दाग रहा है। जबकि यूक्रेन अपने संगठन नाटो के रहमो करम पर अपने सैनिकों के हिम्मत और बहादुरी के बूते इस जंग को जारी रखे हुए हैं।

इतने दिनों से चल रहे युद्ध के दौरान दोनों देशों को अब तक भारी नुकसान भी उठाना पड़ा है। नरेंद्र मोदी के यूक्रेन पहुंचने से पहले ही रूस ने हमले रोक दिए थे ।रूस की ओर से कहा गया है कि नरेंद्र मोदी जब तक यूक्रेन में रहेंगे तब तक कोई हमला नहीं होगा। रूस के इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय जगत में बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पूर्व में जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन की यात्रा की थी, तब भी, रूस ने चली आ रही इस लंबे युद्ध पर कोई रोक नहीं लगाई थी।

यानी दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के यूक्रेन दौरे पर भी रूस के हमले जारी रहे। लेकिन रूस आपको जब जानकारी मिली कि मोदी यूक्रेन दौरे पर जाने वाले हैं तो उसने यूक्रेन में रहने तक गोलीबारी एवं मिसाइल हमले पर एक रोक की घोषणा करके पुनः एक बार पूरी दुनिया में भारत के सर को ऊंचा कर दिया है।

अब यह सवाल उठता है कि क्या नरेंद्र मोदी रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभा रहे हैं? हालांकि इससे पहले भी दुनिया के बड़े नेताओं ने मध्यस्थता का प्रयास किया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। मोदी का यूक्रेन दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि उन्होंने चुनाव समाप्त होते ही रूस की यात्रा की थी। रूस की यात्रा के बाद ही यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का निमंत्रण मोदी को मिल गया था।

राजनीति क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि रूस की यात्रा के बाद मोदी को यूक्रेन की यात्रा करना दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त कराने का एक प्रयास है। यूक्रेन में रहते समय तक रूस कोई हमला नहीं करेगा। यह मोदी की यूक्रेन में उपस्थिति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मोदी ने जब रूस की यात्रा की थी, तब राष्ट्रपति पुतिन ने मोदी को रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देकर पूरी दुनिया को यह एहसास करा दिया कि था आज के इस भारत के नायक को आने वाले दिनों में पूरे विश्व बंधुत्व का बजाने वाला कर था।

तब मोदी ने पुतिन को अपना अच्छा दोस्त बताया। राजनीति से संबंद्ध जानकारों की मानें तो मोदी यूक्रेन यात्रा में पुतिन का संदेश लेकर भी गए हुए थे। अब जब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से उनकी मुलाकात हुई होगी तो दोनों देशों के बीच युद्ध को समाप्त करने का मुख्य मुद्दा ही सामने रखा गया होगा । मोदी की यूक्रेन में उपस्थिति को अंतर्राष्ट्रीय जगत में एक उम्मीद के साथ देखा जा रहा है। इससे भारत और नरेंद्र मोदी की ताकत का अंदाजा भी लगाया जा सकता है।

यहां यह खास तौर से उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी अपना यूक्रेन दौरा दस घंटे रेल से सफर करते हुए तय किया। रेल यात्रा को देखते हुए ही यूक्रेन में मोदी की सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए गए थे। लेकिन अब जब रूस के द्वारा हमले रोक देने से यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को भी राहत मिली होगी।