मोतिहारी / राजन द्विवेदी। जिले के दो छात्रों और एक छात्रा की वाराणसी में गंगा नदी में डूबने की खबर मिलते ही कोहराम मच गया।मृतकों में मोतिहारी के चांदमारी निवासी सत्यप्रकाश के पुत्र वैभव (21), मनोज सिंह के पुत्र ऋषि कुमार (22) और रक्सौल शहर के नागा रोड निवासी सोनू सिंह की पुत्री निधि कुमारी उर्फ सोना सिंह (19) हैं।वैभव का शव मिल गया है।
शेष दोनों की तलाश जारी है। वैभव एलएलबी (प्रथम वर्ष) का छात्र था। जबकि, ऋषि स्नातक का छात्र था। वहीं, सोना फिजियोथेरेपी की छात्रा थी।वाराणसी के लंका थाने की पुलिस ने वैभव के पास से बरामद मोबाइल से स्वजन का नंबर पता किया। वहीं, उसके अन्य दोस्तों से ऋषि व सोना के स्वजन का नंबर लिया।
वैभव और ऋषि के पिता रिश्तेदारों के साथ वाराणसी रवाना हो गए। वैभव की मौत से उसकी मां रंजू देवी अब भी अनजान हैं। उन्हें सिर्फ इतना बताया गया कि वैभव नदी में डूब गया है। उसकी खोजबीन जारी है।वह बार-बार लोगों से एक ही सवाल पूछ रही है कि वैभव मिला कि नहीं, लेकिन उनके सवालों का जवाब देने की हिम्मत किसी के पास नहीं है।
वैभव की मां ने एक बूंद पानी नहीं पीया है।वैभव परिवार का इकलौता पुत्र था। इसके अलावा एक बहन साक्षी है। रिश्तेदार समेत आसपास के लोग वैभव की मां को सांत्वना दे रहे हैं। वहीं, नेपाल के पिपरपाती गांव निवासी ऋषि किराये के मकान में चांदमारी मोहल्ला में रहता था। साथ में बड़ा भाई संजू और मां रूबी देवी थीं।
वैभव और ऋषि को जयपुर जाना था। दोनों शनिवार को घर से निकले। पहले पटना गए। रक्सौल की सोना वहां फिजियोथेरेपी की पढाई करती थी। उसे बीएचयू में फिजियोथेरेपी से संबंधित कुछ जानकारी लेनी थी।इसके अलावा पटना के ही तीन और छात्र भी उनके साथ वाराणसी के लिए निकले।
रात करीब 10. 30 बजे उनकी ट्रेन वाराणसी पहुंची। सुबह पांच बजे वैभव और ऋषि की जयपुर के लिए ट्रेन थी। इसलिए वे सोए नहीं। खाना खाकर टहलने गंगा नदी किनारे चले गए। जहां सोना जेटी पर गई। जहां उसका पैर फिसल गया और गंगा नदी में गिर गई। उसे बचाने के लिए वैभव और ऋषि भी नदी में छलांग लगा दी।
सोना पटना में हिमालया कालेज में फिजियोथेरेपी की दूसरे वर्ष की छात्रा थी। वहा होनहार थी। उसकी मां रिंकू सिंह ने रोते- बिलखते बताया कि सुबह करीब नौ बजे फोन किया तो वाराणसी के लंका थाने के थानाध्यक्ष शिवाकांत मिश्र ने बेटी का फोन रिसीव किया और घटना की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि उन्हें चार बेटियां और एक बेटा है। वह दूसरे नंबर पर थी। छोटीवाली बहन का एग्रीकल्चर में बीएचयू में नामांकन के लिए फार्म लेने गई थी। इसी सिलसिले में परीक्षा की तिथि पता करने वह पटना से वाराणसी गई थी।