पटना, अजित : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना के आहार विभाग ने राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर संतुलित आहार लेने के पति लोगों को जागरूक किया.इनमें न्यूट्रिशन क्रॉसवर्ड पज़ल और तीन दिवसीय पोषण शिविर शामिल थे, जिसमें अस्पताल के कर्मचारियों के लिए बॉडी कंपोजिशन एनालिसिस और हैंड ग्रिप स्ट्रेंथ पर ध्यान केंद्रित किया गया.
शिविर में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को उनके विश्लेषण के आधार पर आहार संबंधी परामर्श दिया गया.प्रो. (डॉ.) जी.के. पाल ने संतुलित आहार के महत्व पर जोर दिया, जबकि अन्य अतिथियों ने स्वास्थ्य और पोषण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए पोषण विभाग की सराहना की. कार्यक्रम में पोषण क्रॉसवर्ड पहेली के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया.
एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक डॉ जी के पाल ने बताया कि इस वर्ष का विषय “सुपोषित किशोरी सशक्त नारी” है, जिसका उद्देश्य लोगों में पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना और एक संतुलित आहार के महत्व को समझाना है. उन्होंने बताया की एम्स पटना के आहार विशेषज्ञों ने फुलवारी शरीफ प्रखंड नौसा-२, बोचाचक और नौसा-१ में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, गर्भवती और धात्री महिलाओं, किशोरियों और बच्चों की स्वस्थता के बारे में जागरूक किया.
साथ ही विभिन्न ओपीडी में मरीजों को पौष्टिक भोजन के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए ओपीडी टॉक का आयोजन किया गया. इसके आलावा पोषण विभाग ने “सार्वजनिक स्वास्थ्य में पोषण के महत्व” पर एक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम आयोजित किया. प्रो. (डॉ.) प्रेम कुमार (डीन एकेडमिक, एम्स पटना), प्रो. (डॉ.) अनूप कुमार (चिकित्सा अधीक्षक, एम्स पटना), नीलोत्पल बल (उप निदेशक प्रशासन, एम्स पटना), और आयोजन सचिव डॉ. संगम झा (डीएमएस-आहार सेवाएं, एम्स पटना) ने भी अपने विचार व्यक्त किए.
तकनीकी सत्र में डॉ. मनोज कुमार (राज्य सलाहकार, स्वास्थ्य एवं पोषण, आईसीडीएस निदेशालय) और डॉ. अनिला सैमुअल (कार्यक्रम प्रबंधक, परिवार नियोजन, प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल) ने मातृ और बाल पोषण पर चर्चा की. इसके बाद, पैनल चर्चा में डॉ. शिवानी डार (पोषण अधिकारी, यूनिसेफ) और डॉ. पल्लवी श्रेष्ठा (आहार विशेषज्ञ, सहयोग अस्पताल) ने कुपोषण की पहचान, प्रबंधन और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के पोषण पर अपने विचार साझा किए.