सेंट्रल डेस्क, (अशोक अश्क) इंडिया अलांयस के नेतृत्व को लेकर चल रही खींचतान के बीच, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी को राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का समर्थन मिला है। मंगलवार को मीडिया से बातचीत में लालू ने स्पष्ट रूप से कहा कि ममता बनर्जी को इंडिया अलायंस का नेतृत्व सौंपा जाना चाहिए।
उनका यह बयान कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है, क्योंकि इस समय कांग्रेस ममता के नेतृत्व को लेकर विरोध कर रही है। लालू प्रसाद यादव ने कहा, कांग्रेस ममता बनर्जी को लीडर बनाने में आपत्ति जता रही है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उनका यह बयान विपक्षी गठबंधन में एक नई दिशा की ओर इशारा करता है, जहां कांग्रेस अब अकेला नजर आ रहा है।
इससे पहले ममता बनर्जी ने खुद इंडिया अलायंस की लीडरशिप लेने की इच्छा जताई थी, जिसे एनसीपी नेता शरद पवार और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी समर्थन किया था ।वहीं, कांग्रेस ने ममता बनर्जी को गठबंधन का अध्यक्ष बनाने के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज की है।
पार्टी का कहना है कि वह किसी भी सहयोगी दल के दबाव में आकर कोई निर्णय नहीं लेगी। कांग्रेस के नेता स्पष्ट कर चुके हैं कि गठबंधन में नेतृत्व का मुद्दा पर सभी पार्टियों के बीच सहमति से ही फैसला लिया जाएगा। इस बीच, लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी गठबंधन की लीडरशिप पर टिप्पणी की थी।
तेजस्वी ने कहा था, इंडिया गठबंधन में कौन लीड करेगा, इस पर सभी नेताओं के बीच मिलकर निर्णय लिया जाएगा। अभी इस पर कोई विचार नहीं किया गया है, और किसी के नाम पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन में कोई भी वरिष्ठ नेता लीड करें, तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
ममता बनर्जी को लेकर चल रही इन चर्चाओं ने विपक्षी गठबंधन के भीतर एक नई बहस को जन्म दिया है। कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के बीच इस मुद्दे पर मतभेद अब खुलकर सामने आ गए हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इंडिया अलायंस का नेतृत्व किसके पास जाता है।
कांग्रेस के भीतर ममता के नेतृत्व को लेकर असहमति, विपक्षी एकता के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। इंडिया अलायंस के भीतर अब तक किसी एक नेता के नाम पर आम सहमति नहीं बन पाई है, लेकिन लालू प्रसाद यादव का समर्थन ममता बनर्जी को एक मजबूत राजनीतिक संकेत दे रहा है। इस स्थिति में गठबंधन की भविष्यवाणी अभी कठिन है, लेकिन यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में कई प्रमुख नेता इस गठबंधन की दिशा तय करने के लिए जुटेंगे।