विपिन कुमार। बिहार के आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने 19 सितंबर 2024 को इस्तीफा दिया था, लेकिन करीब 89 दिन बीत जाने के बाद भी उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ बल्कि उनकी फाइल पटेल भवन के अलग-अलग विभागों में घूम रही है. इस बीच एक बार उनका तबादला भी हो गया है. सीएम सचिवालय के सूत्रों की मानें तो शिवदीप लांडे रिजेक्ट कर दिया गया है. इसकी वजह से प्रक्रिया में देरी हो रही है. आईपीएस अधिकारी ने निजी कारणों से इस्तीफा देने की बात कहते हुए बिहार में ही रहकर काम करने की इच्छा जताई थी. शिवदीप लांडे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर पोस्ट लिखा था, “मेरे प्रिय बिहार, पिछले 18 वर्षो से सरकारी पद पर अपनी सेवा प्रदान करने के बाद आज मैंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है. इन सभी वर्षो में मैंने बिहार को खुद से और अपने परिवार से भी ऊपर माना है. अगर मेरे बतौर सरकारी सेवक के कार्यकाल में कोई त्रुटि हुई हो तो मैं उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूं. मैंने आज भारतीय पुलिस सर्विस (IPS) से त्यागपत्र दिया है परंतु मैं बिहार में ही रहूंगा और आगे भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी.”
राजनीति में जाने से किया था इनकार
19 सितंबर 2024 को आईपीएस के पद से इस्तीफा देने के बाद शिवदीप लांडे के राजनीति में जाने की खूब चर्चाएं होने लगीं. इसपर विराम लगाते हुए हुए उन्होंने 20 सितंबर 2024 को एक और पोस्ट किया और लिखा, “सर्वप्रथम मैं पूरे दिल से सभी का आभार प्रकट करना चाहता हूं क्योंकि कल से मुझे जो प्यार और प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है वो मैंने कभी नहीं सोचा था. मेरे कल के त्यागपत्र के बाद से कुछ मीडिया वाले इस संभावना को तलाशने में लगे हैं कि शायद मैं किसी राजनितिक पार्टी से जुड़ने जा रहा हूं. मैं इस पोस्ट के माध्यम से सभी को ये बताना चाहता हूं कि मेरी न ही किसी राजनितिक पार्टी से कोई बात हो रही है और न ही किसी पार्टी के विचारधारा से मैं जुड़ने जा रहा हूं. कृपया मेरे नाम को किसी के साथ जोड़ कर न देखें.”
आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे के इस्तीफे को पुलिस मुख्यालय की तरफ से गृह विभाग को भेजा गया है. लेकिन, अभी उनकी फाइल पटेल भवन के विभिन्न विभागों में ही घूम रही है. गृह विभाग अलग-अलग विभागों से एनओसी ले रहा है. वहीं सीएम सचिवालय के सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास उनकी फाइल भेजी गई थी, उन्होंने इस्तीफा रिजेक्ट कर दिया है. इसलिए प्रक्रिया लंबी होगी.
सीएम सचिवालय की मानें तो केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजने में अभी समय लगने वाला है. शिवदीप लांडे को अभी सरकार के फैसले का इंतजार करना होगा. 6 महीने बाद ही कानूनी रास्ता उनके लिए खुल सकता है. लेकिन अगर सरकार इस्तीफे को टालती है तो वो वे 6 महीने बाद कैट जा सकते हैं. मार्च 2025 में उनके इस्तीफे के 6 माह पूरे होंगे.