पटना : जनप्रतिनिधत्व शून्य जातियों की पहचान करे सरकार- रामधनी भारती

पटना

डेस्क/ विक्रांत ; संविधान में समस्त नागरिकों को राजनीतिक न्याय देने की प्रतिबद्धता है संविधान के अनुसार ही जनप्रतिनित्व कानून 1951मे बना है। इसके लिए नागरिकों को वर्गों में विभाजित किया गया है, लेकिन राजनीतिक वंचित पिछड़ा वर्ग की पहचान छिपाने के लिए अलग वर्ग आजादी के 77 वर्ष बाद भी‌ केन्द्र में संसद या राज्य में विधानसभा के माननीय सदस्यों द्वारा न कोई प्रश्न किया गया न कोई कानून बना है।

यह बातें प्रदेश जनता दल यू ( अपिव प्रकोष्ठ) के उपाध्यक्ष अधिवक्ता रामधनी भारती ने पत्रकार सम्मेलन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही. प्रदेश जनता दल यू के वरीय नेता अधिवक्ता रामधनी भारती ने माननीय सदस्यों से आग्रह भरा अपील किया है कि वंचित पिछड़ा वर्ग में उन जातियों की अलग वर्ग बनाने के लिए विधेयक लाने मांग लोकसभा में लाए ताकि आजादी के 77 वर्ष बाद भी जिन जातियों की प्रतिनिधित्व शुन्य या नगण्य है।

उनकी पहचान राज्य सरकार करें और विधायिका में हिस्सेदारी सुनिश्चित करने और कानून बनाने के लिए केन्द्र सरकार को भेजें.ताकि वंचित पिछड़ा वर्ग को भी राजनीतिक हिस्सेदारी मिल सकें और केन्द्र सरकार जनप्रतिनिधित्व कानून1951 के नाम को संशोधित कर उसका नाम वर्ग प्रतिनिधित्व कानून रखें।

आगे श्री भारती ने कहा कि सभी वर्गों को विधायिका में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो, क्यों कि वंचित पिछड़ा वर्ग को राजनीतिक दल केवल वोटर पिछड़ा वर्ग के रूप में उपयोग करते चले आ रहे हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो यह वर्ग अपनी अलग पहचान बनाने और विधायिका में हिस्सेदारी के लिए आन्दोलन के बाद न्यायालय की शरण में भी जा सकता है ।

मगर इसके लिए शुभ मुहूर्त है. क्योंकि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से ज्यादा इस वर्ग का कोई आज तक शुभ चिंतक नहीं हुआ है. हाला कि भारतीय संविधान की प्रतिबद्धता भी है,* सबका साथ सबका विकास. उन्होंने जनता दल यू के माननीय सांसदो से अपील किया है सभी सांसद लोकसभा में इस प्रश्न को खड़ा करे. इस बात साफ तौर पर वंचित पिछड़ा वर्ग के कौन हितैषी और कौन विरोधी है पहचान किया जा सकता है। यह वर्ग आप का आभारी भी रहेगा।