अशोक “अश्क” बिहार में अब बिजली बिल हर महीने बदल सकता है। बिहार इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन ने राज्य की बिजली वितरण कंपनियों को यह अधिकार दे दिया है कि वे तेल और कोयले की कीमतों के आधार पर हर महीने बिजली की दरों में बदलाव कर सके। यह सुविधा साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को दी गई है, जिससे 2.7 करोड़ उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा।
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इस नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को फायदा भी हो सकता है, क्योंकि अगर तेल और कोयले की कीमतें घटती हैं तो बिजली का बिल भी कम हो सकता है। वहीं, इनकी कीमतों में बढ़ोतरी होने पर बिजली बिल भी बढ़ सकता है। यह बदलाव अब महीने दर महीने होगा, जो उपभोक्ताओं के लिए चौंकाने वाला हो सकता है।नबिजली कंपनियां तेल और कोयले की कीमतों का आकलन करके अगले महीने के बिजली बिल में दरें बढ़ा या घटा सकेगी।
उदाहरण के लिए, अगर मार्च में कोयले की कीमत बढ़ जाती है, तो अप्रैल में बिजली उत्पादन कंपनियां अपनी दरों को बढ़ा सकती है, और फिर मई में बिजली वितरण कंपनियां उपभोक्ताओं से बढ़ी हुई दर पर बिल वसूलेगी। यदि तेल और कोयले की कीमतें घटती हैं, तो बिजली बिल में कमी आएगी। इसके साथ ही, कंपनियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने बिल में स्पष्ट रूप से यह बताएं कि किस महीने कीमतें बढ़ीं या घटीं और कितनी बढ़ीं या घटीं।
अगर ऐसा नहीं किया गया, तो कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। अब तक, BERC बिजली कंपनियों से हर साल नवंबर में एक टैरिफ प्रस्ताव मांगता था, जिसमें पिछले साल की ऑडिट रिपोर्ट, इस साल के खर्च और आमदनी का विवरण और अगले साल के खर्च का अनुमान होता था। आम जनता से राय लेने के बाद BERC इन प्रस्तावों पर विचार करके बिजली की दरें तय करता था, जो एक साल तक लागू रहती थीं।
पहले, तेल और कोयले की कीमतों में उतार-चढ़ाव होने पर कंपनियों को दरों में बदलाव के लिए BERC से अनुमति लेनी पड़ती थी। लेकिन अब BERC ने वितरण कंपनियों को यह अधिकार दे दिया है कि वे जरूरत के हिसाब से दरों में बदलाव कर सकें। इसका मतलब है कि अब हर महीने बिजली के बिल में बदलाव हो सकता है। साल के अंत में टैरिफ प्रस्ताव में सभी बदलावों का हिसाब दिया जाएगा।
यदि उपभोक्ताओं से अधिक पैसे वसूले गए होंगे, तो अगले साल की दरों में कमी की जा सकती है। अगर 1 अप्रैल 2024 से 19 दिसंबर 2024 तक बिजली दरों में कमी आती है, तो उपभोक्ताओं को नए साल में सस्ता बिजली बिल मिल सकता है। इस नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है, क्योंकि तेल और कोयले की कीमतों में उतार-चढ़ाव के आधार पर बिजली के बिल में बदलाव होने से इसमें भी बदलाव आएगा।