पटना डेस्क। बीपीएससी छात्रों के आंदोलन के समर्थन में सोमवार को चक्का जाम का ऐलान किया गया है। इस चक्का जाम का आयोजन अखिल भारतीय छात्र संघ द्वारा किया गया है, जिसे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले ने समर्थन प्रदान किया है। आइसा के नेतृत्व में छात्रों का यह आंदोलन बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और पेपर लीक की घटनाओं के खिलाफ है, जबकि माले ने सरकार के दमनात्मक रवैये की निंदा की और छात्रों की मांगों को गंभीरता से सुनने की बात की।

भाकपा माले ने बयान जारी कर कहा कि बीपीएससी अभ्यर्थियों के आंदोलन के प्रति सरकार का रवैया बेहद कड़ा और दमनकारी है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। माले ने राज्य सरकार से यह भी आग्रह किया है कि वे छात्रों की मांगों पर ध्यान दें और परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लें।
रविवार को बीपीएससी छात्रों के आंदोलन में भारी बवाल हुआ था। जेपी गोलंबर के पास छात्रों की भीड़ जमा थी, जहां पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन का इस्तेमाल कर छात्रों को तितर-बितर किया। इस घटना के दौरान जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर भी आंदोलन में शामिल हुए थे।
वे छात्रों के साथ मार्च निकालने पहुंचे थे, लेकिन जा वे जेपी गोलंबर पहुंचे तो पुलिस ने छात्रों को वहां से खदेड़ने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस ने इस घटना के बाद 21 नामजद और लगभग 600 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज किया था। प्रशांत किशोर, जो पहले छात्रों के प्रदर्शन में शामिल हुए थे, आज मीडिया से बात करेंगे और इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे।
रविवार को हुए प्रदर्शन में छात्रों से बातचीत के बाद उन्होंने मार्च भी निकाला, लेकिन जब वे वहां से चले गए, तब छात्रों का विरोध और बढ़ गया। पटना के गांधी मैदान में रविवार को इस प्रदर्शन के कारण कई घंटों तक भारी जाम लगा रहा। फ्रेजर रोड और छज्जूबाग जाने वाली सड़कों को बैरिकेड से बंद कर दिया गया था, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पटना के जिला अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि गांधी मैदान में आयोजित छात्र संसद अवैध था और प्रशासन को पहले ही इसकी जानकारी दे दी गई थी। उन्होंने बताया कि गांधी मैदान मूल रूप से एक व्यवसायिक क्षेत्र है, और इसकी बुकिंग पटना प्रमंडल कार्यालय द्वारा की जाती है। प्रशासन ने पहले ही पीके और अन्य आयोजकों से सभा करने की अनुमति न होने की चेतावनी दी थी।
इस बीच, प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर पर लिखा, बिहार में तीन दिन के अंदर दूसरी बार छात्रों पर अत्याचार किया गया। परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, धांधली, पेपर लीक रोकना सरकार का काम है। लेकिन भ्रष्टाचार रोकने की जगह छात्रों को आवाज उठाने से रोका जा रहा है। इस कड़ाके की ठंड में युवाओं पर पानी की बौछार और लाठीचार्ज करना अमानवीय है।
भाजपा का डबल इंजन युवाओं पर डबल अत्याचार का प्रतीक बन गया है। बीपीएससी अभ्यर्थियों की समस्याओं को लेकर बिहार में राजनीतिक और समाजिक तनाव बढ़ता जा रहा है, और यह आंदोलन आगामी दिनों में और तेज होने की संभावना है।