पटना, अशोक “अश्क” बिहार में सत्तारूढ़ जदयू के विधायक गोपाल मंडल अपने विवादित स्वभाव और बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर नवगछिया अनुमंडल परेड ग्राउंड में झंडोत्तोलन कार्यक्रम के दौरान वह एक बार फिर विवादों में घिर गए। इस बार मामला कुर्सी और सोफे को लेकर था, जिसमें उनकी भाजपा जिला अध्यक्ष मुक्तिनाथ सिंह से बहस हो गई।
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कार्यक्रम में विधायक के लिए अलग से कुर्सी और सोफे की व्यवस्था नहीं होने पर गोपाल मंडल नाराज हो गए। उनकी नाराजगी इतनी बढ़ गई कि भाजपा जिला अध्यक्ष को अपनी कुर्सी छोड़कर पीछे जाना पड़ा। घटना के बाद मुक्तिनाथ सिंह ने इसे विवाद से इनकार करते हुए कहा कि यह केवल बैठने की व्यवस्था को लेकर असहमति थी। उन्होंने कहा, गोपाल मंडल का स्वभाव ऐसा ही है, इसे बदला नहीं जा सकता।
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इस घटना को शांत कराने के लिए पुलिस अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। हालांकि, कार्यक्रम में मौजूद कई नेताओं ने विधायक के अभद्र व्यवहार और स्थानीय कार्यकर्ताओं के प्रति दुर्व्यवहार की आलोचना की। नेताओं ने कहा कि गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर इस तरह का व्यवहार शोभनीय नहीं है।गोपाल मंडल ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह सभी का सम्मान करते हैं लेकिन जहां जरूरत होती है, वहां पीछे नहीं हटते।
यह पहली बार नहीं है जब वह अपने व्यवहार को लेकर सुर्खियों में आए हों। कुछ समय पहले उन्होंने भाजपा विधायक इंजीनियर शैलेंद्र के एक बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। गोपाल मंडल ने कहा था कि मुसलमान अधिक बच्चे पैदा करते हैं तो इससे भाजपा विधायक को दिक्कत क्यों है। उन्होंने हिंदुओं को भी अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह दी थी।
उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा पैदा की थी। इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में जदयू और भाजपा के बीच बढ़ते तनाव की अटकलें तेज हो गई हैं। गोपाल मंडल का आक्रामक रुख और उनके बयानों से सत्तारूढ़ गठबंधन में भी मतभेदों की झलक दिखने लगी है।