राहुल ने कहा, ‘मैं चाहता हूं दलित-आदिवासी पिछड़ा समाज के लोग लीडरशिप लेवल पर दिखें, उनके लोग सिस्टम को कंट्रोल करें!’

पटना

बिहार के गांधी कहे जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी की जयंती पर राहुल ने कहा…

बीजेपी दलितों -पिछड़ों को सांसद विधायक मंत्री तै बनाती है , लेकिन उनके ऊपर आर एस एस वाले को बिठा देती है!

जाति जनगणना बिहार वाला नहीं,तेलंगाना वाला कराउंगा

हेमंत कुमार/पटना: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा,’ मैं चाहता हूं कि दलित, आदिवासी,पिछड़े समाज के लोग लीडरशिप लेवल पर दिखें! उन्हें सिर्फ रिप्रेजेंटेशन देने से काम नहीं चलेगा बल्कि उनके हाथ में कंट्रोल होना चाहिए। वह सिस्टम को कंट्रोल करे। राहुल बुधवार को पटना में स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी की 130 वीं जयंती के मौके पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। राहुल 18 दिनों के भीतर दूसरी बार पटना में थे। पिछली बार वे संविधान सुरक्षा सम्मेलन में आये थे। इस बिहार के गांधी के रूप में मशहूर जगलाल चौधरी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम ‘आजादी के परवाने’ को संबोधित करने आये थे।

राहुल ने अपनी बात की शुरुआत आर एस एस और बीजेपी को निशाने पर लेते हुए की। उन्होंने कहा, ‘आज लड़ाई विचारधारा की है। एक तरफ आर एस एस और बीजेपी की विचारधारा है। दूसरी ओर महात्मा गांधी, आंबेडकर और जगलाल चौधरी की विचारधारा है। हम आंबेडकर जी की बात करते हैं।

मगर वे जो बोलते थे जो करते थे। जो उनका आइडिया था ,वह कहां से आया? वह जो दलितों के दिल में दर्ज था। उनके साथ हजारों साल से किया जा रहा था। उनकी आवाज आंबेडकर जी और जगलाल चौधरी जी उठाते थे। उन लोगों ने लड़ाई लड़ी। आजादी मिली। बहुत कुछ हुआ। लेकिन,’मैं पूछना चाहता हूं कि जो पावर सिस्टम है। बिजनेस, ज्यूडिशियरी,ब्येरोक्रेसी में आदिवासियों ,दलितों, पिछड़ों की भागीदारी कितनी है।

लोग कहते हैं दलितों को रिप्रेजेंटशन मिला। लेकिन पावर स्ट्रक्चर में जगह नहीं मिला तो कोई मतलब नहीं है। उन्होंने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा, सांसद,मंत्री तो बना देते हैं। लेकिन उनके साथ ओएसडी आर एस एस का बैठा देते हैं।

राहुल ने रिप्रेजेंटेशन का सवाल उठाते हुए कहा कहा, मीडिया के मित्र‌ यहां बैठे हैं। ये जहां काम करते हैं ,उन मीडिया मालिकों की बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं। उन कंपनियों को हर स्टेट की सरकार इश्तहार देती है। इन मीडिया कंपनियों के मालिकों की लिस्ट निकालिए कोई दलित नहीं मिलेगा। एंकर, संपादक की लिस्ट निकालिए कोई दलित नहीं मिलेगा। हमने हिंदुस्तान के एजुकेशन सिस्टम में दलितों के बारे दो लाइन पढ़ी थी। दलित और अनटचेबलिटी। बस दो लाइन में आपकी हिस्ट्री खत्म!

कारपोरेट का मोदी ने 16 लाख करोड़ कर्ज माफ किया। कारपोरेट में कोई दलित पिछड़ा आदिवासी नहीं मिलेगा।
आप जीएसटी देते हैं। दो सौ बड़ी कंपनियों में कोई दलित,आदिवासी, पिछड़ा नहीं है। नब्बे लोग हिंदुस्तान का बजट डिसाइड करते हैं। बजट का हर रुपया यही बांटते हैं। केवल तीन दलित है। सौ रुपया खर्च होता है तो एक रुपया सिर्फ दलित अफसर खर्च करता है। दलित आदिवासी पिछड़ा वर्ग सौ रुपये में केवल 6.10 रुपये खर्च करता है।

सबसे पहले यह पता लगाना है कि किसकी कितनी आबादी। जाति जनगणना जरुरी है। बिहार वाला नहीं, तेलंगाना वाला। जाति जनगणना बता देगा। कौन कहां है। किसके पास क्या है। हम हिंदुस्तान की सारी संस्थानों की लिस्ट निकालेंगे। मीडिया में ,ज्यूडिशियरी में ,ब्यूरोक्रेसी में कौन लोग हैं।

अब सवाल धन का है। सारा का सारा धन कारपोरेट , स्वास्थ्य,शिक्षा के सिस्टम में जा रहा है। आज सारे अस्पताल प्राइवेट है। शिक्षा प्राइवेट ,अस्पताल अडानी अंबानी का है। प्राइवेट अस्पताल दलितों आदिवासियों पिछड़ों के नहीं हैं। इनको सरकारी जमीन और सुविधा मिलती है। जाति जनगणना से सबका पता चल जायेगा।
हमने संसद में टेक्नोलॉजी, मोबिलिटी,जाति जनगणना की बात की। मोदी ने सभी बातों का जवाब दिया! लेकिन जाति जनगणना की बात नहीं की।

मैं कहना चाहता हूं कि जाति जनजाति जनगणना करा के रहूंगा। हिंदुस्तान की असलियत हरेक आदिवासी, दलित,पिछड़ा को दिखा दूंगा। आपने बुलाया। मैं दिल्ली में वोट डाल के आ गया। ये जो संविधान हैं। आंबेडकर और गांधी जी की देन है। मगर इसके भीतर हजारों साल का दर्द है। अपमान दर्द इसमें दर्ज है। इसीलिए बीजेपी और आर एस एस वाले इसे खत्म करना चाहते हैं। ये इसे सामने से नहीं मारते। संविधान और आंबेडकर के सामने आर एस एस के सभी नेता हाथ जोड़ते हैं। लेकिन रोहित वेमुला को मार देते है। स्कालरशिप खत्म कर देते हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा- हमने इतिहास की किताब में दलितों के बारे में सिर्फ दो लाइन पढ़ी हैं। दलित और अछूत। आपका कोई इतिहास नहीं है क्या? दो लाइन से आपका दर्द मिट जाएगा क्या?

राहुल ने कहानी सुनाई। अमेरिका में परीक्षा होती थी। गोरे लोगों का परफॉर्मेंस बेहतर होता था, काले लोगों का परफॉर्मेंस खराब होता था। लोग कहते थे गोरे लोग ज्यादा होशियार हैं, एक शिक्षक ने बदलाव किया और सवाल अफ्रीकन से सेट करवाया। परीक्षा में सारे गोरे फेल हो गए।

राहुल ने कहा- मोदी सरकार नहीं चाहती है कि देश में जातीय जनगणना हो, लेकिन मैं चाहता हूं कि दलित, ओबीसी आदिवासी को उनकी भागीदारी मिले। आज हिंदुस्तान का जो पावर स्ट्रक्चर है, संस्थाएं हैं। शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, कॉरपोरेट इंडिया हो, ज्यूडिशियरी हो, इसमें दलितों की भागीदारी कितनी है? लोग कहते हैं कि दलितों को रिप्रजेंटेंशन मिला, लेकिन पावर स्ट्रक्चर में शामिल नहीं किया गया।’

राहुल गांधी ने हाथ में संविधान की किताब दिखाकर कहा, ‘RSS और बीजेपी वाले संविधान के सामने माथा टेकते हैं। पीछे इसे खत्म करने की साजिश कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि दलित समुदाय के लोग लीडरशिप में आएं। देश के टॉप-10 कंपनियों के मालिक में दलित भी हो।’

मोदी ने दलितों-पिछड़ों की जेब से पैसा निकालकर 25 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपया माफ किया, इस लिस्ट में एक भी दलित नहीं है। मीडिया में दलितों की भागीदारी नहीं है।

16 परसेंट आपकी आबादी है। दलितों के बारे में इतिहास की किताब में मैंने 2-3 लाइन पढ़ी थी। क्या आपकी हिस्ट्री नहीं है क्या। इन दो लाइन से आपका दर्द मिट जाएगा क्या!

मैं एक उदाहरण से समझता हूं ये मीडिया के मित्र हैं, इनकी बड़ी-बड़ी कंपनियां है। इनको हर स्टेट की सरकार विज्ञापन देती है। तो सीधा सरकार इनकी फंडिंग कर रही है। आप मीडिया कंपनियों की लिस्ट निकालिए, उसमें एक भी दलित नहीं मिलेगा।

राहुल ने कहा कि ‘आज हिंदुस्तान का जो पावर स्ट्रक्चर है, संस्थाएं हैं। शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, कॉरपोरेट इंडिया हो, ज्युडिशियरी हो इसमें आपकी भागीदारी कितनी है। लोग कहते हैं कि दलितों को रिप्रजेंटेंशन मिला। लेकिन पावर स्ट्रक्चर में शामिल नहीं किया गया।’

राहुल गांधी ने कहा- ’90 लोग देश का बजट डिसाइड करते हैं। बजट का हर पैसा हर रुपए 90 लोग बांटते हैं। मैंने इनकी लिस्ट निकाली। 90 में से 3 दलित हैं। आपकी आबादी 16 फीसदी है। इन 90 में से जो 3 अफसर हैं, वो छोटे-छोटे विभाग में हैं।’ ‘अगर 100 रुपए केंद्र सरकार बजट में बांटती है तो एक रुपए की भागीदारी आपकी है।’

राहुल ने कहा, ‘आप GST देते हो। ये शर्ट जो आपने पहनी है, इसी शर्ट को अगर अडानी पहनेगा तो वो भी GST देगा। 200 बड़ी कंपनियों के मालिक में एक दलित, एक ओबीसी नहीं है!

राहुल गांधी ने कहा- ‘मैं ऐसा दिन देखना चाहता हूं जब इंडिया की हर संस्था में लीडरशिप में दलित वर्ग के लोग आएं। मैं वो दिन देखना चाहता हूं जब देश की टॉप-10 कंपनियों में दलित समुदाय के लोग आएं।’

जातीय गणना नहीं चाहती मोदी सरकार

नरेंद्र मोदी आरएसएस बीजेपी जाति जनगणना नहीं कराना चाहती। लेकिन मैं दलित ओबीसी आदिवासी को उनकी भागीदारी दिलवाना चाहता हूं।

राहुल गांधी ने जातीय गणना पर दिया जोर

जातीय गणना बता देगा कि दलित, आदिवासी, जनरल वर्ग कौन है। फिर हम हिंदुस्तान के सारे संस्थान की लिस्ट निकालेंगे, फिर उसमें पता लगाएंगे कि उसमें असलियत में दलितों, ओबीसी की कितनी भागीदारी है।

राहुल ने जगलाल चौधरी को दो बार जगतलाल बोला

जगलाल चौधरी 1937 में बनी अंतरिम सरकार में पहले दलित मंत्री थे।आबकारी विभाग के मंत्री रहे जगलाल चौधरी ताड़ी का कारोबार करने वाले पासी जाति से आते थे। फिर भी उन्होंने बिहार के पांच जिलों में नशाबंदी लागू की। वह महात्मा गांधी के आह्वान पर मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर आजादी की लड़ाई में शामिल हुए थे। भारत छोड़ो आंदोलन में उनके पुत्र इंद्रदेव चौधरी ने शहादत दी थी। ऐसी शख्सियत की जयंती पर भाषण दे रहे राहुल गांधी उनका नाम दो दो बार गलत बोल गये। वे उन्हें जगतलाल कह रहे थे।