प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका पहुंचे, ट्रंप से द्विपक्षीय बैठक की तैयारी

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सेंट्रल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका पहुंच चुके हैं, जहां उनका एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया। अमेरिकी भूमि पर कदम रखते ही प्रधानमंत्री मोदी ने वाशिंगटन डीसी में यूएसए की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक, तुलसी गबार्ड से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने तुलसी गबार्ड को उनकी नियुक्ति पर बधाई दी और उनके साथ भारत-यूएसए संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर पर इस मुलाकात की जानकारी साझा करते हुए लिखा कि भारत और अमेरिका के बीच कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी यह यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दौरान वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। मोदी और ट्रंप की यह बैठक दोनों देशों के संबंधों के लिए एक नई दिशा प्रदान करने की संभावना रखती है।

प्रधानमंत्री मोदी उन चुनिंदा वैश्विक नेताओं में शामिल हैं, जो ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करने के बाद अमेरिका की यात्रा कर रहे हैं। इस यात्रा के दौरान मोदी और ट्रंप के बीच होने वाली मुलाकात में विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

इन चर्चाओं में दोनों देशों के आर्थिक, सुरक्षा और व्यापारिक रिश्तों के अलावा कुछ संवेदनशील मुद्दों पर भी बातचीत हो सकती है, इस मामले में विदेश नीति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि विशेष रूप से, प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद विभिन्न देशों से आयात किए जाने वाले सामान पर शुल्क बढ़ाने की धमकी दी है।

इस यात्रा का भारत-अमेरिका संबंधों पर गहरा असर पड़ सकता है। भारत और अमेरिका के रिश्तों में बढ़ती गहनता के बीच यह मुलाकात दोनों देशों के लिए नई आर्थिक और राजनीतिक संभावनाओं के द्वार खोल सकती है। पीएम मोदी की यह यात्रा, जो अमेरिकी प्रशासन के लिए भी एक अहम कदम है, वैश्विक व्यापार, सुरक्षा और अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर सामूहिक सहयोग को लेकर कई अहम संदेश दे सकती है।

सूत्रों के हवाले ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच संभावित संवाद से यह भी अपेक्षा की जा रही है कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और आपसी हितों को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस यात्रा का समापन अमेरिका और भारत के बीच रिश्तों को एक नई दिशा देने में सहायक हो सकता है, विशेषकर उस वक्त जब वैश्विक व्यापार और सुरक्षा मुद्दों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।