समस्तीपुर, अशोक “अश्क” वाणिज्य कर विभाग के राज्य कर संयुक्त आयुक्त कार्यालय में सोमवार को जीएसटी की बकाया राशि की वसूली को लेकर समस्तीपुर जिले के विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता राज्य कर संयुक्त आयुक्त कृष्णा मोहन सिंह ने की, जिसमें एलडीएम सोनू कुमार सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

संयुक्त आयुक्त ने बैठक में उपस्थित बैंक प्रतिनिधियों को जीएसटी डिफॉल्टरों की सूची प्रदान की और निर्देश दिया कि ऐसे करदाताओं के बैंक अकाउंट को होल्ड पर रखा जाए तथा उनके खातों में उपलब्ध शेष राशि की जानकारी दी जाए। उन्होंने सभी बैंकों से राजस्व संग्रह के लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त करने में सहयोग करने का आग्रह किया।
बैठक के दौरान सभी बैंकों के प्रतिनिधियों को खातों की अटैचमेंट प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्हें निर्देश दिया गया कि ईमेल के माध्यम से प्राप्त एक्सेल शीट में बैंक विवरण, शाखा का पता, शाखा प्रबंधक का संपर्क नंबर और खाते में शेष राशि की जानकारी दर्ज कर विभाग को जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाए।
संयुक्त आयुक्त ने बैंकों को यह भी बताया कि जिन व्यापारियों ने जीएसटी की राशि का भुगतान नहीं किया है, उनके खातों से वसूली करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। उन्होंने बैंकों से अपेक्षा की कि वे इस कार्य में पूर्ण सहयोग करें ताकि राज्य के राजस्व संग्रह को बेहतर बनाया जा सके।
इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य कर विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, जिनमें राज्य कर उपायुक्त विवेक कुमार गुप्ता, राज्य कर उपायुक्त अमित कुमार, राज्य कर सहायक आयुक्त दिव्य प्रकाश, राज्य कर सहायक आयुक्त सरिता कुमारी और राज्य कर सहायक आयुक्त मसरूर अख्तर प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बकाया राशि जमा नहीं करने वाले जीएसटी डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। यदि निर्धारित समयसीमा में भुगतान नहीं किया जाता है, तो उनके बैंक खातों को सीज करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। संयुक्त आयुक्त ने कहा कि सरकार की राजस्व नीति को प्रभावी बनाने के लिए यह कदम उठाना आवश्यक है।
उन्होंने सभी बैंक प्रतिनिधियों से **तेजी से कार्रवाई करने और बकाया वसूली में सहयोग देने की अपील की। इस बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य कर विभाग अब जीएसटी बकाया राशि वसूली के लिए और अधिक सख्त रवैया अपनाने जा रहा है और डिफॉल्टरों के खिलाफ जल्द ही कड़े कदम उठाए जाएंगे।