चंपारण : केसरिया महोत्सव में काव्य की बही गंगा तो मस्ती में झूम उठे श्रोता

मोतिहारी

दिल्ली-मुंबई से आए कवियों ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध

मोतिहारी / राजन द्विवेदी। जिले के केसरिया में आयोजित ” केसरिया महोत्सव” के दूसरे दिन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दरभंगा की प्रसिद्ध कवयित्री डॉ तिष्या श्री की सरस्वती वंदना से हुई। इस मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों से आए कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया।

दिल्ली से आए प्रसिद्ध हास्य कवि अरुण जैमनी, मुंबई से पधारे दिनेश बावरा और रोहित शर्मा ने अपनी हास्य-व्यंग्य रचनाओं से माहौल को रंगीन बना दिया।कार्यक्रम में नालंदा के गीतकार संजीव मुकेश ने केसरिया पर विशेष रचना प्रस्तुत की। उन्होंने कहा, “जब मोह मनुज का ज्ञान रुद्ध कर देता है, तब मगध का रज गौतम को बुद्ध कर देता है।”

वहीं प्रसिद्ध लेखक नीलोत्पल मृणाल ने नई और पुरानी पीढ़ी पर आधारित काव्य पाठ किया। मुंबई से आए दिनेश बावरा ने आधुनिक समय की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज दुनिया को सबसे बड़ा खतरा मोबाइल से है।

डॉ तिष्या श्री ने भी अपनी रोमांटिक शायरी से श्रोताओं का दिल जीता। यह कार्यक्रम कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और जिला प्रशासन की ओर से केसरिया की विधायक शालिनी मिश्रा के निर्देशन में आयोजित किया गया। सभी कवियों ने चंपारण आकर प्रसन्नता व्यक्त की।