बिहारशरीफ/ अविनाश पांडेय: बिहारशरीफ से चौथी बार विधायक चुने गए डॉ. सुनील कुमार ने मंत्री पद की शपथ ले ली है। राज्य की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने वाले 68 वर्षीय कुमार ने अपने राजनीतिक सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। एक व्यवसायी परिवार में जन्मे डॉ. कुमार के राजनीतिक जीवन की शुरुआत निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में हुई थी। 1995 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

इसके बाद 2000 में भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और फिर से असफल रहे। परंतु, 2005 में जनता दल (युनाइटेड) के टिकट पर चुनाव लड़कर उन्होंने अपनी पहली जीत दर्ज की। इसके बाद से वे बिहार शरीफ विधानसभा क्षेत्र से लगातार जीत हासिल करते रहे हैं। 2005 से 2015 तक जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले डॉ. कुमार ने 2014 में राजनीतिक समीकरणों में बदलाव के बाद भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया।
2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर उन्होंने लगातार चौथी बार विधायक बनने का गौरव हासिल किया। वर्तमान में वे राज्य सरकार में मंत्री पद के लिए सबसे मजबूत दावेदारों में से एक माने जा रहे थे। जिन्होंने आज राज्यपाल के समक्ष मंत्री पद की शपथ ले ली है।राजनीति के अलावा, डॉ. सुनील कुमार के पास कई अन्य उपलब्धियां भी हैं। वे एक प्रशिक्षित चिकित्सक होने के साथ-साथ फिल्म प्रोड्यूसर भी हैं।
उनके इन्हीं बहुआयामी अनुभवों और क्षेत्र में मजबूत जनाधार के कारण उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल की गया है। डॉ. कुमार के पारिवारिक जीवन की बात करें तो उनकी पत्नी संगीता देवी हैं, एक बेटा है जो मुंबई में एक प्राइवेट बैंक में एरिया मैनेजर के पद पर कार्यरत है, और एक विवाहित बेटी है।
डॉ सुनील कुमार का जीवन परिचय
डॉ सुनील कुमार एक भारतीय राजनीतिज्ञ और बिहार विधानसभा के चार बार सदस्य रहे हैं। वे बिहारशरीफ सीट से बिहार विधानसभा के मौजूदा सदस्य हैं। उन्होंने नालंदा जिले के बिहारशरीफ सीट से अपने पहले विधानसभा चुनाव के रूप में 2005 का विधानसभा चुनाव लड़ा और राजद नेता सैयद नौशादुन्नबी उर्फ पप्पू खान को हराया। कुमार ने जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर 2005 और 2010 का विधानसभा चुनाव लड़ा।
वे जून 2013 में भाजपा में शामिल हो गए। जब 2014 के भारतीय आम चुनाव के लिए भाजपा की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख के रूप में नरेंद्र मोदी की पदोन्नति के विरोध में जदयू ने बिहार में भाजपा के साथ अपना 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया । उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 2015 और 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ा । डॉ सुनील कुमार का जन्म 20 जनवरी 1957 को नालंदा जिले में हुआ है।
वे एमबीबीएस डिग्री धारक हैं और 1995 में राजनीति में आने से पहले डॉक्टर के तौर पर प्रैक्टिस कर रहे थे। उनकी शादी संगीता देवी से हुई है। उन्होंने अपना पहला विधान सभा चुनाव वर्ष 2005 में जीता था। श्री कुमार ने फिल्म निर्माण में भी कदम रखा है और खुद तीन भोजपुरी फिल्में बनाई है। वे 2006 में फिल्म निर्माण में शामिल हुए। डॉ सुनील कुमार ओबीसी कोइरी समुदाय से हैं और नालंदा जिले के कोइरी बहुल निर्वाचन क्षेत्र बिहारशरीफ से चुने गए हैं । विधायक के रूप में अपने कार्यकाल में वे अपनी सतर्कता के लिए जाने जाते है।
डॉ सुनील कुमार को मंत्री बनाए जाने पर कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल
बिहारशरीफ विधानसभा विधायक डा. सुनील कुमार को बिहार सरकार मंत्रिमंडल में मंत्री बनाए जाने पर बिहार शरीफ की जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया से लेकर मुहल्लों में खुशियां मनाई जा रही है। कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा प्रदेश नेतृत्व का आभार जताते हुए कहा कि पांच बार से लगातार जीते हुए विधायक डा. सुनील कुमार को मंत्रीमंडल में शामिल कर बिहारशरीफ विधानसभा के समस्त जनता और भाजपा सहित एनडीए कार्यकर्ताओं का मान सम्मान बढ़ाया है।
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष ई रविशंकर प्रसाद सिंह, निवर्तमान जिला अध्यक्ष प्रो. रामसागर सिंह, जिला महामंत्री शैलेन्द्र कुमार, अविनाश प्रसाद सिंह, रीना कुमारी ,जिला उपाध्यक्ष राजेश्वर प्रसाद सिंह, अरविंद पटेल, श्याम किशोर प्रसाद सिंह, विरेन्द्र गोप, राजेश कुशवाहा, जिला मंत्री डा अशुतोष कुमार, रंजू कुमारी, तेजस्विता राधा, जिला मीडिया सह निवर्तमान बिहारशरीफ नगर अध्यक्ष अमरेश कुमार, अविनाश कुमार शर्मा, विकास राज भारती, धनंजय कुमार, बिट्टू कुमार, सोनू कुमार हिंदू, नीरज कुमार डब्ल्यू, शशिकला सिन्हा, अमित शान सिंह, धीरज पाठक , भेषनाथ प्रसाद, गोपाल चौरसिया, सूरज कुमार सहित सभी भाजपा कार्यकर्ताओं ने अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की है।