जहानाबाद केंद्रीय विद्यालय की शिक्षिका का विवादित वीडियो वायरल, बिहार और यहां के लोगों को दी गालियां, निलंबित

पटना

पटना, अशोक “अश्क” बिहार के जहानाबाद जिले के एनवां स्थित केंद्रीय विद्यालय में कार्यरत एक शिक्षिका का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह बिहार और यहां के लोगों को लेकर आपत्तिजनक बातें कह रही हैं। वीडियो में शिक्षिका दीपाली, जो पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग की रहने वाली है, अपनी पोस्टिंग जहानाबाद में होने से नाराज नजर आ रही हैं वो बिहार और यहां के लोगों और केंद्रीय विद्यालय संगठन को लेकर अपशब्द कह रही है।

वीडियो में दीपाली यह कहती नजर आ रही है कि उनकी पोस्टिंग जहानाबाद जैसे जिले में क्यों कर दी गई? उन्होंने कहा, हमारी पोस्टिंग लद्दाख कर देते, गोवा कर देते, ओडिशा, बंगाल या किसी दूसरी जगह कर देते, यहां क्यों कर दी? मुझे इंडिया के सबसे गंदे रीजन में पोस्टिंग दे दी। बिहार की ग्राउंड रियलिटी बहुत खराब है। बहुत गंदे लोग हैं। हम जिस दिन बिहार को देश से निकाल देंगे, इंडिया डेवलपिंग कंट्री बन जाएगा।

इतना ही नहीं, शिक्षिका ने केंद्रीय विद्यालय संगठन को भी भला-बुरा कहा और अपनी पोस्टिंग को साजिश करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके दोस्त को बेंगलुरु, दार्जिलिंग और नॉर्थ-ईस्ट में पोस्टिंग मिली, लेकिन उन्हें जहानाबाद में क्यों भेज दिया गया। उन्होंने बिहार के लोगों को सिविक सेंस न होने का आरोप भी लगाया और कहा कि जो लोग बिहार से दिल्ली जा रहे हैं, वे पूरे देश के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं।

जैसे ही शिक्षिका के यह दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, बिहार के लोगों में आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों और छात्रों के अभिभावकों ने शिक्षिका के बयान को बिहार और यहां की संस्कृति का अपमान बताया। लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर एक शिक्षक खुद इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करता है, तो वह बच्चों को क्या शिक्षा देगा? जैसे ही यह मामला मीडिया और प्रशासन के संज्ञान में आया, केंद्रीय विद्यालय संगठन ने शिक्षिका दीपाली को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

हालांकि, जब मीडिया ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने इसे अपना निजी मामला बताया और कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। विद्यालय के प्रिंसिपल शिवचंद्र राम ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से बचते हुए कहा, शिक्षिका इसे निजी मामला बता रही है, इसलिए मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता। स्थानीय लोगों ने शिक्षिका के इस बयान पर नाराजगी जताई और मांग की कि उन्हें तुरंत बिहार से हटाया जाए और उसे सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।

गांव के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, अगर यह शिक्षिका खुद इस तरह की बातें कर रही हैं, तो वे बच्चों को क्या सिखाएंगी? ऐसी मानसिकता रखने वाले शिक्षक को बिहार में रहने का कोई हक नहीं है। एक अन्य ग्रामीण ने कहा, बिहार को लेकर जिस तरह का बयान दिया गया है, वह शर्मनाक है। शिक्षकों को समाज का आदर्श माना जाता है, लेकिन अगर वे ही गाली-गलौज करेंगे, तो समाज किस दिशा में जाएगा?

यह मामला अब राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है। कई नेताओं और सामाजिक संगठनों ने शिक्षिका के इस बयान की आलोचना की और बिहार सरकार से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। शिक्षिका दीपाली के इस विवादित वीडियो के बाद, केंद्रीय विद्यालय संगठन ने जांच कमेटी गठित कर दी है, जो यह तय करेगी कि उनके खिलाफ और क्या अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।

फिलहाल, उन्हें प्राथमिक रूप से निलंबित कर दिया गया है, लेकिन यदि जांच में उन पर आरोप सिद्ध होते हैं, तो उन्हें पद से बर्खास्त भी किया जा सकता है। इस पूरे घटनाक्रम ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि शिक्षकों को अपने शब्दों और आचरण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

एक शिक्षिका द्वारा बिहार और यहां के लोगों के खिलाफ ऐसे बयान देना न केवल असंवेदनशील है, बल्कि उनके पेशे के मूल्यों के भी खिलाफ है। अब देखना यह होगा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन और प्रशासन इस मामले में आगे क्या कदम उठाते हैं और क्या शिक्षिका दीपाली सार्वजनिक रूप से माफी मांगती है या नहीं।